भगवान धन्वंतरि ने ब्रह्मचर्य की महिमा का वर्णन करते हुए कहा है :
'अकाल मृत्यु, अकाल वृद्धत्व, दुःख, रोग आदि का नाश करने के सभी उपायों में ब्रह्मचर्य का पालन सर्वश्रेष्ठ उपाय है। यह अमृत के समान सभी सुखों का मूल है यह मैं सत्य कहता हूँ।'
मृत्युव्याधिजरानाशि पीयूषं परमौषधम्।
सौख्यमूलं ब्रह्मचर्यं सत्यमेव वदाम्यहम्।।
'अकाल मृत्यु, अकाल वृद्धत्व, दुःख, रोग आदि का नाश करने के सभी उपायों में ब्रह्मचर्य का पालन सर्वश्रेष्ठ उपाय है। यह अमृत के समान सभी सुखों का मूल है यह मैं सत्य कहता हूँ।'