हिंदी व्याकरण - पर्यायवाची शब्द
पर्यायवाची का अर्थ है – समान अर्थ देने वाल़ा। जिन शब्दों के अर्थ में समानता होती है, अथवा किसी शब्द-विशेष के लिए प्रयुक्त समानार्थक शब्दों को “समानार्थक या पर्यायवाची” शब्द कहते हैं। ऐसे शब्दों के अर्थ में समानता होते हुए भी प्रत्येक शब्द की अपनी विशेषता होती है और भाव में एक-दूसरे से किंचित भिन्न होते हैं। अतः ऐसे में समय सही पर्यायवाची शब्द के उपयोग हेतु थोड़ी सावधानी अपेक्षित है।
असुर- दैत्य, दानव, राक्षस, निशाचर, रजनीचर, दनुज।
अर्थ- धन, दौलत, पैसा, द्रव्य, मुद्रा, वित्त।
अहंकार- घमंड, दंभ, अभिमान, गर्व, दर्प, मद।
अंधकार- अँधेरा, तम, तिमिर, तमिस्र।
अमृत- पीयूष, सुधा, सोम, अमिय, मधु, अमी।
अनुपम- अदभुत, अनन्य, अपूर्व, अतुल, अनोखा।
अश्व- घोड़ा, तुरंग, बाजी, हय, घोटक।
आग- अग्नि, अनल, पावक, हुतासन, ज्वलन, धूमकेतु, कृशानु, वहनि, शिखी, दहन, वह्नि।
आम- आम्र, रसाल, सौरभ, मादक, सहुकार, अमृतफल।
आत्मा- चैतन्य, जीव, देव, अंतःकरण।
आँख- नयन, नेत्र, चक्षु, लोचन, दृग, अक्षि, विलोचन, दृष्टि।
आंसू- अश्रु, नेत्रजल, नयनजल।
आकाश- गगन, नभ, व्योम, अम्बर, अनन्त, अर्श, अंतरिक्ष, शून्य, आसमान।
आनंद- हर्ष, उल्लास, सुख, आमोद, प्रमोद।
आश्रम- विहार, मठ, अखाड़ा, संघ, कुटी।
अतिथि- पाहुन, अभ्यागत, मेहमान, आगन्तुक।
ओंठ- होंठ, ओष्ठ, अधर।
कमल- पंकज, राजीव, नीरज, अरविन्द, नलिन, जलज, उत्पल, पद्म, सरोज।
कपड़ा- पट, चीर, वसन, अंशु, कर, मयुख, वस्त्र, अम्बर, परिधान।
कान- कर्ण, श्रुति, श्रुतिपटल।
किताब- पुस्तक, पोथी, ग्रन्थ।
किरण- ज्योति, प्रभा, रश्मि, दीप्ति।
किसान- कृषक, हलधर, खेतिहर, भूमिपुत्र, अन्नदाता।
कोयल- कोकिला, पिक, सारिका, काकपाली, बसंतदूत, कुहुकिनी, वनप्रिया।
क्रोध- रोष, अमर्ष, कोह, प्रतिघात, कोप ।
कृपा- दया, करुणा, प्रसाद, अनुग्रह।
कृष्ण- वासुदेव, गोविन्द, केशव, गिरधारी, घनश्याम, माधव, मोहन, राधापति ।
गज- हाथी, हस्ती, मतंग, कूम्भा, मदकल।
गाय- गौ, धेनु, भद्रा, रोहिणी, सुरभि ।
गर्मी- ग्रीष्म, ऊष्मा, गरमी, ताप, निदाघ।
गणेश- गजानन, गणपति, विनायक, लम्बोदर, गौरीनंदन, गणनायक, शंकरसुवन, महाकाय।
गंगा- भगीरथी, त्रिपथगा, मंदाकिनी, विश्नुपगा, ध्रुवनंदा, सुरसरिता, देवनदी, देवपगा, जाह्नवी।
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