हुई थी. मैं अब अपनी स्पीड बढ़ा रहा था.
स्नेहा आह आह आह कर रही थी.
मुझे बहुत मजा आने लगा था. मैंने उसके दोनों पैरों को पकड़ कर लंड ज्यादा से ज्यादा अन्दर डालने की कोशिश कर रहा था.
मैं अब झड़ने वाला था. दिल तो कर रहा था कि उसकी चूत में ही पानी छोड़ दूं.
पर कुछ हो न जाए इस डर से मैंने लंड बाहर निकाल दिया और अपने हाथ में पकड़ कर झड़ गया.
फिर बाथरूम में जाकर मैंने सब धो लिया. मैं रूम में आ गया. स्नेहा अभी तक उसी हालत में सोई हुई थी.
मैं उसके बाजू लेट गया और उसका एक पैर मेरे ऊपर ले लिया, जिससे मेरा लंड उसके चूत को टच कर रहा था.
कुछ आधे घंटे बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. मैंने फिर से स्नेहा को चोदना शुरू कर दिया. इस बार में बिना किसी डर के उसे चोदे जा रहा था.
करीब 10 मिनट बाद उसकी चूत पूरी तरह से चिपचिपी हो गई थी.
मैं जैसे जैसे धक्के मारता तो पच पच करके आवाज आती.
मैं अब स्नेहा को चोदते चोदते उसके बदन पर लेट गया था. वो मुझे टाइट पकड़ कर चुदवा रही थी. उसके नाखून मुझे चुभ रहे थे. मैं उसके मम्मे चूस रहा था और साथ ही साथ उसे जोर जोर से चोद भी रहा था.
कुछ देर बाद मेरा पानी निकालने ही वाला था, मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया. उसने झट से उठ कर लंड पकड़ कर अपने मुँह में ले लिया और चूस कर सारा पानी पी गई. फिर चाट चाट कर मेरा लंड साफ भी कर दिया.
तब से 3 महीनों तक लगातार मैंने अपनी हॉट बहन को चोदा.
अभी 2 दिन पहले वो वापिस अपने शहर भोपाल चली गई. उसे जाने का बिल्कुल दिल नहीं था, पर जाना पड़ा.
जिस दिन स्नेहा चली गई .. उस दिन से चाचा का काम-काज कुछ हद तक शुरू हो गया था. इसलिए 2 दिन से दिन के समय मैं चाची के साथ सोफे पर नंगा ही लेटा रहता हूं. चाची तीन महीने की बची हुई चुदाई पूरी करवा रही हैं.
श्वेता भी एक दो दिन मैं आ जाएगी. तब उसको चाची के साथ एक बिस्तर पर रगड़ कर मजा लूंगा.
स्नेहा ने भी जाते समय उसके लिए अपनी पैंटी और ब्रा रखी है ताकि वो पहने तो मुझे स्नेहा का अहसास हो.
स्नेहा आह आह आह कर रही थी.
मुझे बहुत मजा आने लगा था. मैंने उसके दोनों पैरों को पकड़ कर लंड ज्यादा से ज्यादा अन्दर डालने की कोशिश कर रहा था.
मैं अब झड़ने वाला था. दिल तो कर रहा था कि उसकी चूत में ही पानी छोड़ दूं.
पर कुछ हो न जाए इस डर से मैंने लंड बाहर निकाल दिया और अपने हाथ में पकड़ कर झड़ गया.
फिर बाथरूम में जाकर मैंने सब धो लिया. मैं रूम में आ गया. स्नेहा अभी तक उसी हालत में सोई हुई थी.
मैं उसके बाजू लेट गया और उसका एक पैर मेरे ऊपर ले लिया, जिससे मेरा लंड उसके चूत को टच कर रहा था.
कुछ आधे घंटे बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. मैंने फिर से स्नेहा को चोदना शुरू कर दिया. इस बार में बिना किसी डर के उसे चोदे जा रहा था.
करीब 10 मिनट बाद उसकी चूत पूरी तरह से चिपचिपी हो गई थी.
मैं जैसे जैसे धक्के मारता तो पच पच करके आवाज आती.
मैं अब स्नेहा को चोदते चोदते उसके बदन पर लेट गया था. वो मुझे टाइट पकड़ कर चुदवा रही थी. उसके नाखून मुझे चुभ रहे थे. मैं उसके मम्मे चूस रहा था और साथ ही साथ उसे जोर जोर से चोद भी रहा था.
कुछ देर बाद मेरा पानी निकालने ही वाला था, मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया. उसने झट से उठ कर लंड पकड़ कर अपने मुँह में ले लिया और चूस कर सारा पानी पी गई. फिर चाट चाट कर मेरा लंड साफ भी कर दिया.
तब से 3 महीनों तक लगातार मैंने अपनी हॉट बहन को चोदा.
अभी 2 दिन पहले वो वापिस अपने शहर भोपाल चली गई. उसे जाने का बिल्कुल दिल नहीं था, पर जाना पड़ा.
जिस दिन स्नेहा चली गई .. उस दिन से चाचा का काम-काज कुछ हद तक शुरू हो गया था. इसलिए 2 दिन से दिन के समय मैं चाची के साथ सोफे पर नंगा ही लेटा रहता हूं. चाची तीन महीने की बची हुई चुदाई पूरी करवा रही हैं.
श्वेता भी एक दो दिन मैं आ जाएगी. तब उसको चाची के साथ एक बिस्तर पर रगड़ कर मजा लूंगा.
स्नेहा ने भी जाते समय उसके लिए अपनी पैंटी और ब्रा रखी है ताकि वो पहने तो मुझे स्नेहा का अहसास हो.