*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 17 दिसम्बर 2024*
*⛅दिन - मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - हेमन्त*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - द्वितीया प्रातः 10:56 तक, तत्पश्चात तृतीया*
*⛅नक्षत्र - पुनर्वसु रात्रि 12:44 दिसम्बर 18 तक, तत्पश्चात पुष्य*
*⛅योग - ब्रह्म रात्रि 09:11 तक, तत्पश्चात इन्द्र*
*⛅राहु काल - दोपहर 03:17 से शाम 04:37 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:18*
*⛅सूर्यास्त - 05:53*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:28 से 06:21 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:15 से दोपहर 12:57 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:10 दिसम्बर 18 से रात्रि 01:03 दिसम्बर 18 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - त्रिपुष्कर योग (प्रातः 07:14 से प्रातः 10:56 तक)*
*⛅विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है व तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹 शीत ऋतु में विशेष तौर पर होनेवाला कफ रोग 🔹*
*🔸 कफ प्रकृति वाले लोगों को मंदाग्नि होने से कफ होता है । आहार में मधुर, नमकीन, चिकनाई युक्त, गुरु व अधिक मात्रा में लिया गया आहार कफ उतपन्न करता है ।*
*🔸 कफ का रोगी तीखा, कड़वा व कसैले रस अधिक लें । मिर्च, काली मिर्च, हींग, लहसुन, तुलसी, पीपरामूल, अदरक, लौंग आदि का सेवन विशेष रूप से कर सकते हैं ।*
*🔸 आहार रुक्ष, लघु, अल्प व उष्ण गुणयुक्त लें । जिस में बाजरा, बैगन, सहजन, सुआ की भाजी, मेथी, हल्दी, राई, अजवायन, कुलथी, चने, तिल का तेल, मूँग, विना छिलके के भुने हुए चने का सेवन करें । उबालने पर आधा शेष रहे पानी और अनुकूल पड़े तो सौंठ के टुकड़े डाल कर उबला हुआ पानी पियें । हो सके तो पानी गर्म-गर्म ही पियें । छाती, गले व सिर पर सेंक करें । नींद अधिक न लें ।*
*🔹 औषधि : भोजन के बाद हिंगादी हरड़ चूर्ण या संत कृपा चूर्ण का सेवन करें अथवा संत कृपा चूर्ण दिन में 2 बार शहद के साथ लें । गजकरणी करें । सूर्यभेदी प्राणायाम करें ।*
*प्रातः गौमूत्र अथवा गौझरण अर्क का सेवन करें ।*
*⛅दिनांक - 17 दिसम्बर 2024*
*⛅दिन - मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - हेमन्त*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - द्वितीया प्रातः 10:56 तक, तत्पश्चात तृतीया*
*⛅नक्षत्र - पुनर्वसु रात्रि 12:44 दिसम्बर 18 तक, तत्पश्चात पुष्य*
*⛅योग - ब्रह्म रात्रि 09:11 तक, तत्पश्चात इन्द्र*
*⛅राहु काल - दोपहर 03:17 से शाम 04:37 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:18*
*⛅सूर्यास्त - 05:53*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:28 से 06:21 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:15 से दोपहर 12:57 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:10 दिसम्बर 18 से रात्रि 01:03 दिसम्बर 18 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - त्रिपुष्कर योग (प्रातः 07:14 से प्रातः 10:56 तक)*
*⛅विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है व तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹 शीत ऋतु में विशेष तौर पर होनेवाला कफ रोग 🔹*
*🔸 कफ प्रकृति वाले लोगों को मंदाग्नि होने से कफ होता है । आहार में मधुर, नमकीन, चिकनाई युक्त, गुरु व अधिक मात्रा में लिया गया आहार कफ उतपन्न करता है ।*
*🔸 कफ का रोगी तीखा, कड़वा व कसैले रस अधिक लें । मिर्च, काली मिर्च, हींग, लहसुन, तुलसी, पीपरामूल, अदरक, लौंग आदि का सेवन विशेष रूप से कर सकते हैं ।*
*🔸 आहार रुक्ष, लघु, अल्प व उष्ण गुणयुक्त लें । जिस में बाजरा, बैगन, सहजन, सुआ की भाजी, मेथी, हल्दी, राई, अजवायन, कुलथी, चने, तिल का तेल, मूँग, विना छिलके के भुने हुए चने का सेवन करें । उबालने पर आधा शेष रहे पानी और अनुकूल पड़े तो सौंठ के टुकड़े डाल कर उबला हुआ पानी पियें । हो सके तो पानी गर्म-गर्म ही पियें । छाती, गले व सिर पर सेंक करें । नींद अधिक न लें ।*
*🔹 औषधि : भोजन के बाद हिंगादी हरड़ चूर्ण या संत कृपा चूर्ण का सेवन करें अथवा संत कृपा चूर्ण दिन में 2 बार शहद के साथ लें । गजकरणी करें । सूर्यभेदी प्राणायाम करें ।*
*प्रातः गौमूत्र अथवा गौझरण अर्क का सेवन करें ।*