*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 30 दिसम्बर 2024*
*⛅दिन - सोमवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - अमावस्या प्रातः 03:56 दिसम्बर 31 तक, तत्पश्चात प्रतिपदा*
*⛅नक्षत्र - मूल रात्रि 11:57 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढ़ा*
*⛅योग - वृद्धि रात्रि 08:32 तक, तत्पश्चात ध्रुव*
*⛅राहु काल - प्रातः 08:41 से प्रातः 10:01 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:24*
*⛅सूर्यास्त - 05:00*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:34 से 06:27 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:21 से दोपहर 01:04 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:16 दिसम्बर 31 से रात्रि 01:09 दिसम्बर 31 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण - सोमवती अमावस्या (सूर्योदय से प्रातः 03:56 दिसम्बर 31 तक), पौष अमावस्या*
*⛅विशेष - अमावस्या को स्त्री सहवास और तिल का तेल खाना व लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹लक्ष्मी कहाँ से चली जाती है ?🔹*
*🔸भगवान श्रीहरि कहते हैं : “जपो अल्पज्ञ भीगे पैर अथवा नग्न होकर सोता है तथा वाचाल की भाँति निरंतर बोलता रहता है, उसके घर से साध्वी लक्ष्मी चली जाती है ।*
*🔸जो व्यक्ति अपने सिर पर तेल लगाकर उसी हाथ से दूसरे के अंग का स्पर्श करता हैं * और अपने किसी अंग को बाजे की तरह बजाता है, उससे रुष्ट होकर लक्ष्मी उसके घर से चली जाती है ।*
*🔸जो व्रत-उपवास नहीं करता, संध्या – वंदन नहीं करता, सदा अपवित्र रहता है तथा भगवदभक्ति से रहित है उसके यहाँ से मेरी प्रिया लक्ष्मी चली जाती है ।’ ( श्रीमद देवी भागवत : ९.४१.४२-४४ )*
*🔸पद्म पुराण के अनुसार मस्तक पर लगाने से बचे हुए तेल को अपने शरीर पर भी लगाना वर्जित है ।*
*ऋषि प्रसाद- जनवरी २०२०*
*🔹नॉर्मल डिलीवरी हेतु रामबाण प्रयोग*
*🔸ब्रह्मज्ञानी संत श्री आशारामजी बापू अपने सत्संगो में सामान्य प्रसूति के लिए रामबाण प्रयोग बताते हैं : “सामान्य प्रसूति में यदि कहीं बाधा जैसी लगे तो देशी गाय के गोबर का १०-१२ ग्राम ताजा रस निकालें, गुरुमंत्र का जप करके अथवा ‘नारायण.... नारायण.....’ जप करके गर्भवती महिला को पिला दें ।*
*🔸एक घंटे में प्रसूति नहीं हो तो फिर से पिला दें । सहजता से प्रसूति होगी । अगर प्रसव-पीड़ा समय पर शुरू नहीं हो रही हो तो गर्भिणी ‘जम्भला... जम्भला....’ मंत्र का जप करे और पीड़ा शुरू होने पर उसे गोबर का रस पिलायें तो सुखपूर्वक प्रसव होगा ।’*
*लोक कल्याण सेतु – अक्टूबर २०१९ से*
*⛅दिनांक - 30 दिसम्बर 2024*
*⛅दिन - सोमवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - अमावस्या प्रातः 03:56 दिसम्बर 31 तक, तत्पश्चात प्रतिपदा*
*⛅नक्षत्र - मूल रात्रि 11:57 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढ़ा*
*⛅योग - वृद्धि रात्रि 08:32 तक, तत्पश्चात ध्रुव*
*⛅राहु काल - प्रातः 08:41 से प्रातः 10:01 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:24*
*⛅सूर्यास्त - 05:00*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:34 से 06:27 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:21 से दोपहर 01:04 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:16 दिसम्बर 31 से रात्रि 01:09 दिसम्बर 31 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण - सोमवती अमावस्या (सूर्योदय से प्रातः 03:56 दिसम्बर 31 तक), पौष अमावस्या*
*⛅विशेष - अमावस्या को स्त्री सहवास और तिल का तेल खाना व लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹लक्ष्मी कहाँ से चली जाती है ?🔹*
*🔸भगवान श्रीहरि कहते हैं : “जपो अल्पज्ञ भीगे पैर अथवा नग्न होकर सोता है तथा वाचाल की भाँति निरंतर बोलता रहता है, उसके घर से साध्वी लक्ष्मी चली जाती है ।*
*🔸जो व्यक्ति अपने सिर पर तेल लगाकर उसी हाथ से दूसरे के अंग का स्पर्श करता हैं * और अपने किसी अंग को बाजे की तरह बजाता है, उससे रुष्ट होकर लक्ष्मी उसके घर से चली जाती है ।*
*🔸जो व्रत-उपवास नहीं करता, संध्या – वंदन नहीं करता, सदा अपवित्र रहता है तथा भगवदभक्ति से रहित है उसके यहाँ से मेरी प्रिया लक्ष्मी चली जाती है ।’ ( श्रीमद देवी भागवत : ९.४१.४२-४४ )*
*🔸पद्म पुराण के अनुसार मस्तक पर लगाने से बचे हुए तेल को अपने शरीर पर भी लगाना वर्जित है ।*
*ऋषि प्रसाद- जनवरी २०२०*
*🔹नॉर्मल डिलीवरी हेतु रामबाण प्रयोग*
*🔸ब्रह्मज्ञानी संत श्री आशारामजी बापू अपने सत्संगो में सामान्य प्रसूति के लिए रामबाण प्रयोग बताते हैं : “सामान्य प्रसूति में यदि कहीं बाधा जैसी लगे तो देशी गाय के गोबर का १०-१२ ग्राम ताजा रस निकालें, गुरुमंत्र का जप करके अथवा ‘नारायण.... नारायण.....’ जप करके गर्भवती महिला को पिला दें ।*
*🔸एक घंटे में प्रसूति नहीं हो तो फिर से पिला दें । सहजता से प्रसूति होगी । अगर प्रसव-पीड़ा समय पर शुरू नहीं हो रही हो तो गर्भिणी ‘जम्भला... जम्भला....’ मंत्र का जप करे और पीड़ा शुरू होने पर उसे गोबर का रस पिलायें तो सुखपूर्वक प्रसव होगा ।’*
*लोक कल्याण सेतु – अक्टूबर २०१९ से*