बिहार में लोकतंत्र है या तानाशाही, यह समझना अब मुश्किल हो गया है। BPSC के अभ्यर्थियों के साथ जिस तरह का व्यवहार और दुर्व्यवहार हो रहा है, वह न केवल निंदनीय है बल्कि लोकतंत्र पर एक गहरा प्रश्नचिह्न भी खड़ा करता है। बिहार पुलिस द्वारा छात्रों पर की जा रही अभद्रता और गाली-गलौज से ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार अपनी तानाशाही मानसिकता पर उतर आई है।
एक तरफ़ जहां BPSC जैसी महत्वपूर्ण परीक्षाओं में बार-बार पेपर लीक होने की घटनाएं प्रशासन की विफलता को दर्शाती हैं, वहीं दूसरी तरफ़ छात्रों की जायज़ मांगों को दबाने के लिए उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। यह स्थिति न केवल छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, बल्कि समाज के लिए एक चिंताजनक संकेत भी है।
हम सभी को BPSC के छात्रों के संघर्ष में उनके साथ खड़ा होना चाहिए और उनके समर्थन में आवाज़ बुलंद करनी चाहिए। छात्रों के अधिकारों की रक्षा करना हम सबका कर्तव्य है।
एक तरफ़ जहां BPSC जैसी महत्वपूर्ण परीक्षाओं में बार-बार पेपर लीक होने की घटनाएं प्रशासन की विफलता को दर्शाती हैं, वहीं दूसरी तरफ़ छात्रों की जायज़ मांगों को दबाने के लिए उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। यह स्थिति न केवल छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, बल्कि समाज के लिए एक चिंताजनक संकेत भी है।
हम सभी को BPSC के छात्रों के संघर्ष में उनके साथ खड़ा होना चाहिए और उनके समर्थन में आवाज़ बुलंद करनी चाहिए। छात्रों के अधिकारों की रक्षा करना हम सबका कर्तव्य है।