प्रशासक समिति®✊🚩(Reg. E&SWS)
🚩 जय सत्य सनातन 🚩
🚩 आज का पञ्चाङ्ग 🚩🌥️ 🚩युगाब्द-५१२६
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८१
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तिथि - एकादशी रात्रि ०८:१५ तक तत्पश्चात द्वादशी👇 समिति से जुड़कर हिंदुत्व जागरण में हमारा सहयोग करने हेतु लिंक पर क्लिक करें, जानकारी भर फॉर्म सबमिट करें
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दिनांक - ०८ फरवरी २०२५⛅ दिन - शनिवार
⛅ अयन - उत्तरायण
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - माघ
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - मृगशिरा शाम ०६:०७ तक, तत्पश्चात आर्द्रा
⛅ योग - वैधृति दोपहर ०२:०४ तक, तत्पश्चात विषकम्भ
⛅ राहु काल - सुबह १०:०५ से सुबह ११:३० तक
⛅ सूर्योदय - ०७:१९
⛅ सूर्यास्त - ०६:२७
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः ०५:३४ से ०६:२५ तक
⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर १२:३१ से दोपहर ०१:१६ तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि १२:२८ फरवरी ०९ से रात्रि ०१:१९ फरवरी ०९ तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - जया एकादशी
⛅ विशेष - एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः २७.२९-३४)
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एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?🔹🌹१. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें। नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें।वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें।
🌹२. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें।
🌹हर एकादशी को श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती हैं।
राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।
सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने ।।एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णुसहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता हैं।
🌹३. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए।
🌹४. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें।
🌹५. एकादशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए। इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक हैं।
🌹६. व्रत के (दशमी, एकादशी और द्वादशी) - इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) - इनका सेवन न करें।
🌹७. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए। आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए।
🌹८. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए।
🌹९. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए।
🌹१०. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें। इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता हैं।
🌹११. इस दिन बाल नहीं कटायें।
🌹१२. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें।
🌹१३. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र १ बजे तक)।
🌹१४. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता हैं।
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