मुद्दत से थी उसकी लेने की आश,
दीदार-ए-चूत को दिल में दबा दिया,
किसी ने दी खबर उसके चुदने की,
रात को इतनी लगायी मुट्ठी की टोपा सूजा दिया।
दीदार-ए-चूत को दिल में दबा दिया,
किसी ने दी खबर उसके चुदने की,
रात को इतनी लगायी मुट्ठी की टोपा सूजा दिया।