महिलाओं पर लाठीचार्ज एक कायरतापूर्ण और निंदनीय कृत्य है। निहत्थे छात्र, विशेषकर महिलाओं पर बल प्रयोग करना अत्यंत शर्मनाक है। यह आयोग की असंवेदनशीलता को दर्शाता है।
छात्र इतने दिनों से सत्याग्रह के माध्यम से अपनी समस्याओं का समाधान खोजना चाहते थे.. कम से कम आयोग को एक बार छात्रों की बात सुननी चाहिए थी... और उनकी समस्याओं का समाधान खोजना चाहिए था। पर इस तरह की लाठी चार्ज की घटना अभ्यर्थी ही नहीं पूरे शिक्षक समाज वर्ग भी कभी स्वीकार नहीं करेंगे।
अभ्यर्थी आपके सामने हाथ जोड़ रहे हैं और आपने लाठी चार्ज करवाया। यह अमानवीय है।
छात्र इतने दिनों से सत्याग्रह के माध्यम से अपनी समस्याओं का समाधान खोजना चाहते थे.. कम से कम आयोग को एक बार छात्रों की बात सुननी चाहिए थी... और उनकी समस्याओं का समाधान खोजना चाहिए था। पर इस तरह की लाठी चार्ज की घटना अभ्यर्थी ही नहीं पूरे शिक्षक समाज वर्ग भी कभी स्वीकार नहीं करेंगे।
अभ्यर्थी आपके सामने हाथ जोड़ रहे हैं और आपने लाठी चार्ज करवाया। यह अमानवीय है।