ें अपने अन्दर महसूस करना चाहती हूँ।
वो मेरे पजामे में हाथ डाल कर मेरा लंड पकड़ने लगी, मुझसे भी अब और सब्र न हुआ.. तुरंत मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसकी दोनों टांगों को मोड़ कर ऊपर कर दिया जिससे उसकी रस से भीगी गद्देदार चूत मेरे लंड के ठीक सामने आ गई।
मैंने अपने लंड को उसकी चूत के मुँह पर रखा तो उसने आंखें बंद कर ली… मैं लंड को उसकी चूत में घुसाया नहीं बस उसकी नंगी चूत पर रगड़ दिया.. वो फिर मचल उठी…
मैं बोला- आँखें खोल मेरी तरफ देखो..
जो नशा और हवस इस वक़्त नंगी पड़ी हिना की आँखों में थी.. शायद कमजोर दिल वाले यह देख कर ही झड़ जायें।
वो फिर बोली- आआअह्ह रोहित… अब मत तड़पाओ.. करो… आह्ह!
मैंने अब लंड उसकी नंगी चूत पर फिर लगाया और एक जोरदार झटका दिया.. चिकनी चूत होने के कारण उसकी गर्म वादियों में मेरा लंड घुसता चला गया।
उसके मुख से निकली एक जोरदार चीख..
अब हिना को असली मर्द मिला था।
मैंने समीर को इशारे अन्दर आने को कहा और वो धीरे से आकर हिना के पास बैठ गया, हिना ने उसे देखा लेकिन उसे कुछ फर्क नहीं पड़ा, वो अपनी चुदाई में मस्त थी।
समीर ने हिना के होंठों को चूम लिया, घूर घूर कर मेरे लंड को अन्दर बाहर जाते देखने लगा और अपना लंड मुठियाने लगा।
उसमे मेरे कंधों को दोनों हाथ से कस कर पकड़ लिया, मेरा हर झटका उसके शरीर में करंट ला रहा था।
फिर मैं जोरदार चुदाई करने लगा थप थप्प.. उसकी चूत में अन्दर बाहर हो रहा था मेरा लंड- अह्ह्ह्हह… हिना… रंडी है तू मेरी!
‘ह्हाँ… हाँ रोहित… मैं बस तेरी हूँ आज से… जो आप कहो… वो मैं करूँगी।’
‘तू मेरे बच्चे पैदा करेगी कुतिया… बिना शादी के… तू रखैल रहेगी मेरी…’
‘अह्ह्ह ह्ह… हाँ रोहित… मैं रंडी हूँ तेरी… बस चोदो मुझे…’
थप्प.. ठप्प… फ़च्छ.. फच…फ़च्छ… आवाज से कमरा गूँज रहा था।
बीच में वो फिर एक बार झड़ गई लेकिन कुछ ही पलों में फिर से ताल से ताल मिला कर मेरा साथ देने लगी थी।
अब मैंने उसे उठाया और सोफे के किनारे से उसे झुका कर खड़ा कर दिया, इस वक़्त सोफे पर पूरी तरह झुकी हुई थी, देखने वालों के लिए मानो झुक कर वो अपने ही घुटने को चूमना चाह रही हो.. लेकिन सोफे का एक हत्था उसके बीच में था।
ऐसा करने से उसकी गांड उचक कर बाहर आ गई और चौड़ी लगने लगी।
अब मैं भी झड़ने के करीब पहुँचने वाला था तो मैंने भी ड्रावर से कंडोम निकला और पहन लिया।
जैसे ही मैं वापिस आया तो देखा… समीर कुतिया की तरह झुकी हुई हिना के पीछे बैठ उसकी चूत चाट रहा है। उसने चाट चाट कर सारा रस साफ कर दिया।
जैसे ही मैं आया, उसने हाथ बढ़ा कर मेरा लंड पकड़ लिया और थोड़ा से मुठिया कर फिर कड़क कर दिया मानो अपनी बहन को चुदवाने की तैयारी कर रहा हो।
लेकिन तभी उसने मेरा लंड चूसना सुरू किया जिससे पूरा लंड थूक से सन गया और फिर अपने हाथ मेरा लंड अपनी बहन की चूत पर लगा दिया।
मैंने भी एक झटके में अपना लंड घुसा दिया हिना की नंगी चूत में… वो फिर दर्द और मस्ती से दोहरी हो गई- आआह्ह्ह… धीरे… फिर अगले पाँच मिनट.. मेरी जिंदगी की सबसे घमासान चुदाई हुई…
मैं हिना के पीछे से उसको चोद रहा था.. हर चोट के साथ उसका पूरा शरीर हिलता था… कमरे में थप्प.. ठप्प.. फच.. फच.. आवाजें गूँज रही थी।
अब मैं झड़ने के करीब आ रहा था.. मैं और तेजी से उसे चोदने लगा था।
हिना भी फ़िर से झड़ने के करीब थी।
तभी मैंने अपना लंड बाहर निकाला.. कंडोम हटाया और उसकी गांड के छेद और चूत के मुँह के ऊपर सब उगल दिया।
हिना भी वहीं ढेर हो गई, उसके शरीर में जान नहीं बची थी.. और न ही मेरे शरीर में! मैं भी वहीं सोफे पर गिर गया।
अब नींद के आगोश में जा रहा था मैं.. और हिना भी!
अधखुली आँखों से मैं देख रहा था कि समीर एक बार फिर हिना के पीछे गया और उसकी चूत और गांड से मेरा वीर्य चाट चाट कर साफ़ कर रहा था। वो साफ करने के बाद उसने मेरा लंड भी चूस कर साफ किया।
इसके बाद मैं सो गया.. सुबह आँख खुली तो मैं बिस्तर में था, मेरी बगल में मेरे हुस्न की मल्लिका हिना बिल्कुल नंगी सो रही थी।
फिर हमने दो दिन बहुत चुदाई की और कुछ पिक्स भी ली जो मेरे फेसबुक पर हैं.. वो आप भी देख सकते हैं।
दोस्तो, यह थी मेरे साथ समीर की बहन हिना की सच्ची कहानी!
वो मेरे पजामे में हाथ डाल कर मेरा लंड पकड़ने लगी, मुझसे भी अब और सब्र न हुआ.. तुरंत मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसकी दोनों टांगों को मोड़ कर ऊपर कर दिया जिससे उसकी रस से भीगी गद्देदार चूत मेरे लंड के ठीक सामने आ गई।
मैंने अपने लंड को उसकी चूत के मुँह पर रखा तो उसने आंखें बंद कर ली… मैं लंड को उसकी चूत में घुसाया नहीं बस उसकी नंगी चूत पर रगड़ दिया.. वो फिर मचल उठी…
मैं बोला- आँखें खोल मेरी तरफ देखो..
जो नशा और हवस इस वक़्त नंगी पड़ी हिना की आँखों में थी.. शायद कमजोर दिल वाले यह देख कर ही झड़ जायें।
वो फिर बोली- आआअह्ह रोहित… अब मत तड़पाओ.. करो… आह्ह!
मैंने अब लंड उसकी नंगी चूत पर फिर लगाया और एक जोरदार झटका दिया.. चिकनी चूत होने के कारण उसकी गर्म वादियों में मेरा लंड घुसता चला गया।
उसके मुख से निकली एक जोरदार चीख..
अब हिना को असली मर्द मिला था।
मैंने समीर को इशारे अन्दर आने को कहा और वो धीरे से आकर हिना के पास बैठ गया, हिना ने उसे देखा लेकिन उसे कुछ फर्क नहीं पड़ा, वो अपनी चुदाई में मस्त थी।
समीर ने हिना के होंठों को चूम लिया, घूर घूर कर मेरे लंड को अन्दर बाहर जाते देखने लगा और अपना लंड मुठियाने लगा।
उसमे मेरे कंधों को दोनों हाथ से कस कर पकड़ लिया, मेरा हर झटका उसके शरीर में करंट ला रहा था।
फिर मैं जोरदार चुदाई करने लगा थप थप्प.. उसकी चूत में अन्दर बाहर हो रहा था मेरा लंड- अह्ह्ह्हह… हिना… रंडी है तू मेरी!
‘ह्हाँ… हाँ रोहित… मैं बस तेरी हूँ आज से… जो आप कहो… वो मैं करूँगी।’
‘तू मेरे बच्चे पैदा करेगी कुतिया… बिना शादी के… तू रखैल रहेगी मेरी…’
‘अह्ह्ह ह्ह… हाँ रोहित… मैं रंडी हूँ तेरी… बस चोदो मुझे…’
थप्प.. ठप्प… फ़च्छ.. फच…फ़च्छ… आवाज से कमरा गूँज रहा था।
बीच में वो फिर एक बार झड़ गई लेकिन कुछ ही पलों में फिर से ताल से ताल मिला कर मेरा साथ देने लगी थी।
अब मैंने उसे उठाया और सोफे के किनारे से उसे झुका कर खड़ा कर दिया, इस वक़्त सोफे पर पूरी तरह झुकी हुई थी, देखने वालों के लिए मानो झुक कर वो अपने ही घुटने को चूमना चाह रही हो.. लेकिन सोफे का एक हत्था उसके बीच में था।
ऐसा करने से उसकी गांड उचक कर बाहर आ गई और चौड़ी लगने लगी।
अब मैं भी झड़ने के करीब पहुँचने वाला था तो मैंने भी ड्रावर से कंडोम निकला और पहन लिया।
जैसे ही मैं वापिस आया तो देखा… समीर कुतिया की तरह झुकी हुई हिना के पीछे बैठ उसकी चूत चाट रहा है। उसने चाट चाट कर सारा रस साफ कर दिया।
जैसे ही मैं आया, उसने हाथ बढ़ा कर मेरा लंड पकड़ लिया और थोड़ा से मुठिया कर फिर कड़क कर दिया मानो अपनी बहन को चुदवाने की तैयारी कर रहा हो।
लेकिन तभी उसने मेरा लंड चूसना सुरू किया जिससे पूरा लंड थूक से सन गया और फिर अपने हाथ मेरा लंड अपनी बहन की चूत पर लगा दिया।
मैंने भी एक झटके में अपना लंड घुसा दिया हिना की नंगी चूत में… वो फिर दर्द और मस्ती से दोहरी हो गई- आआह्ह्ह… धीरे… फिर अगले पाँच मिनट.. मेरी जिंदगी की सबसे घमासान चुदाई हुई…
मैं हिना के पीछे से उसको चोद रहा था.. हर चोट के साथ उसका पूरा शरीर हिलता था… कमरे में थप्प.. ठप्प.. फच.. फच.. आवाजें गूँज रही थी।
अब मैं झड़ने के करीब आ रहा था.. मैं और तेजी से उसे चोदने लगा था।
हिना भी फ़िर से झड़ने के करीब थी।
तभी मैंने अपना लंड बाहर निकाला.. कंडोम हटाया और उसकी गांड के छेद और चूत के मुँह के ऊपर सब उगल दिया।
हिना भी वहीं ढेर हो गई, उसके शरीर में जान नहीं बची थी.. और न ही मेरे शरीर में! मैं भी वहीं सोफे पर गिर गया।
अब नींद के आगोश में जा रहा था मैं.. और हिना भी!
अधखुली आँखों से मैं देख रहा था कि समीर एक बार फिर हिना के पीछे गया और उसकी चूत और गांड से मेरा वीर्य चाट चाट कर साफ़ कर रहा था। वो साफ करने के बाद उसने मेरा लंड भी चूस कर साफ किया।
इसके बाद मैं सो गया.. सुबह आँख खुली तो मैं बिस्तर में था, मेरी बगल में मेरे हुस्न की मल्लिका हिना बिल्कुल नंगी सो रही थी।
फिर हमने दो दिन बहुत चुदाई की और कुछ पिक्स भी ली जो मेरे फेसबुक पर हैं.. वो आप भी देख सकते हैं।
दोस्तो, यह थी मेरे साथ समीर की बहन हिना की सच्ची कहानी!