•?((¯°·..• कलम-ए-इश्क •..·°¯))؟•
जाने वाले तुम आज चले जाना,
अब जाकर फिर लौट मत आना,
बहुत हुआ अब तुम्हारा आना जाना,
चलो आखिरी अलविदा अब कभी मत आना
2024 का दिसंबर बन तुम जाओ,
सारी यादों को समेट अपने संग ले जाना
2025 की सुबह मुझे सुकून से है बिताना
सुनो अब जाकर तुम फिर वापस न आना,
-लफ़्ज-ए-प्रशान्त✍🏻
🖊️☕𝒦𝒶𝓁𝒶𝓂-𝒜𝑒-𝐼𝓈𝒽𝓀 ☕🖊️
जाने वाले तुम आज चले जाना,
अब जाकर फिर लौट मत आना,
बहुत हुआ अब तुम्हारा आना जाना,
चलो आखिरी अलविदा अब कभी मत आना
2024 का दिसंबर बन तुम जाओ,
सारी यादों को समेट अपने संग ले जाना
2025 की सुबह मुझे सुकून से है बिताना
सुनो अब जाकर तुम फिर वापस न आना,
-लफ़्ज-ए-प्रशान्त✍🏻
🖊️☕𝒦𝒶𝓁𝒶𝓂-𝒜𝑒-𝐼𝓈𝒽𝓀 ☕🖊️