🌷शिक्षकों को हैप्पी न्यू ईयर🌷
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सभी शिक्षकों को नए *अंग्रेजी साल* की *अपार* शुभकामनाएं।
आप पर *मदन* गोपाल जी की कृपा बनी रहे।
आशा है कि सावन के महीने में जो आप सब लोगों ने पेड़-पौधें लगाए थे वो अब पौष तक आते-आते बढ़ गए होंगे। ऐसे ही आपकी खुशियों की *प्रखर* बढ़ोतरी होती रहे और नववर्ष 2025 में आपके जीवन का कोई *सेटअप* न बिगड़े।
व्हाट्सप्प पर आने वाले नित नए आदेशों की तरह आपके जीवन को भी नित नई सुविधाओं का *संबलन* मिलता रहे।
ये याद रखने की जरूरत है कि जैसे जिले घटते-बढ़ते रहते हैं ऐसे ही लाइफ में प्रॉब्लम्स भी कम-ज्यादा होती रहती है लेकिन जैसे एसीपी/एमएसीपी ऑर्डर में एक दो बार ऑब्जेक्शन लगना स्थाई है ऐसे ही समय परिवर्तन स्थाई है।
शिक्षक भी *कर्मयोगी* बना रहे और *ज्ञान संकल्प* (अध्ययन अध्यापन) लेता रहे तो उम्र बढ़ने के बाद भी लगेगा कि जीवन *युवा महोत्सव* से इतर कुछ नहीं।
आजकल जैसे हर आदेश के साथ पोस्ट आती है कि स्कूल छोड़ने से पहले इस सूचना को भरकर भेजें और फिर पेन की गति और कंप्यूटर कीबोर्ड की स्पीड बढ़ जाती है,
ऐसा ही कुछ दिनचर्या के साथ होना चाहिए कि नैतिकता के प्रति एक जिम्मेदारी वाला भाव रहे क्योंकि साल-दर-साल आयुकाल खोता जा रहा है और हमारा भी कालचक्र के साथ *समायोजन* होता जा रहा है।
जैसे आजकल हर डाक एक्सेल/ऑनलाइन में बनती है फिर उसकी पीडीएफ प्रिंट भी भेजनी पड़ती है ऐसे जीवन के साथ न करें ताकि हमारा दोहरा व्यक्तित्व न हो। अंदर से कुछ और बाहर कुछ और।
जैसे मिड डे मील का फंड और पीडी का वेतन लेट आता है ऐसे ही हमारे कर्मों का हिसाब भी भले देर से हो लेकिन होता जरूर है। इसलिए अपनी सच्चाई और अच्छाई का स्वयं ही *वेरिफिकेशन* करते रहें ताकि *पालनहार* के समक्ष आपका अपना *पोर्टफोलियो* बनता रहे।
भारतीय जनता की तरह शिक्षक समुदाय भी अनेकता में एकता और एकता में अनेकता का उदाहरण है। अनेकता पदों के हिसाब से है और मत और विचार के हिसाब से भी। एकता इस हिसाब से है कि सभी की स्वाभाविक और समान इच्छाएं है, प्रमोशन और ट्रांसफर आदि की भी।
नए साल में सेकंड ग्रेड वालों और महात्मा गांधी स्कूल हेतु परीक्षा पास करने वालों को पोस्टिंग होने की शुभकामना।
बाकी तबादलों के इच्छुक शिक्षकों को क्या-कैसे पॉजिटिव कहें?
इंतजार ही किया जा सकता है।
जैसे दीक्षा ट्रेनिंग के बाद सर्टिफिकेट का इंतजार किया जाता है, जैसे वेतन बिल के पास होने का इंतजार किया जाता है। मुझे लगता है कि 2025 वर्ष प्रतीक्षा का ही वर्ष है।
तबादला इच्छुक विशेषकर तृतीय श्रेणी शिक्षकों को तबादला खुलने का इंतजार, संविदा कर्मियों को नियमित होने का इंतजार, वीपी साहेबान को प्रिंसिपल बनने का इंतजार, ifms पर पद स्वीकृति का इंतजार आदि इत्यादि।
लेक्चरर लोगों को किस बात का इंतजार है समझ से परे है। आधे vp पोस्ट के समर्थक है आधे विरोधी।
समझने की बात ये है कि जैसे मोबाइल बैन का आदेश back हो गया था ऐसे ही जीवन में कभी भी कुछ भी उलट पलट सकता है।
एक देश एक चुनाव, एक राज्य समान परीक्षा इसी तर्ज पर समानता और एकता रखें सभी शिक्षक। अपने मन से *नकारा सामान* हटाएं और दुर्भावना को *रिलीव* करें।
नैतिक मूल्यों को पाने का *मिशन स्टार्ट* करें तभी *समावेशी* भावना होगी, तभी चित्त *निपुण* होगा और तभी संबंधों की *रैंकिंग* सुधरेगी।
वर्ष 2025 सभी के सपने पूरे करे, pm (परमात्मा) सभी को श्री (सुख सम्पत्ति) प्रदान करे और सबका जीवन सफलताओं की *उड़ान योजना* बनाता रहे..
इसी आशावादी मंगलकामना के साथ
HAPPY NEW YEAR 2025
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✍️ लेखक
*एक जीता-जागता इनसान*
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