१। सर्पभयमात्रेणैव सा वृद्धा विनष्टा।
• The old woman perished merely due to the fear of a snake.
• केवल सर्प के भय से ही वह वृद्धा मर गई।
२। मम श्रमः वृथा जातः।
• My effort has gone in vain.
• मेरा श्रम व्यर्थ हो गया।
३। वृकः शशस्य विचयं करोति।
• The wolf is stalking the rabbit.
• भेड़िया खरगोश का अन्वेषण कर रहा है।
४। अनिर्वेदः एव जयकारणं भवति।
• Perseverance alone is the cause of victory.
• अवसाद न करना ही विजय का कारण होता है।
५। आपानं न विद्यते नगरेऽस्मिन्।
• There is no tavern in this city.
• इस नगर में कोई मदिरालय नहीं है।
६। प्रहृत्य द्वारं वानरः अधावत्।
• The monkey banged the door and ran.
• द्वार पर मार कर बंदर दौड़ गया।
७। वर्षया मार्गे श्वभ्राणि जाताः नैके।
• Due to the rain, many potholes have formed on the road.
• वर्षा के कारण मार्ग पर कई गड्ढे हो गए हैं।
८। राघवनन्दिनी सीता जगन्माता वर्तते।
• Sita (giver of joy to Rama), is the mother of the world.
• राघवनन्दिनी (राम को सुख देने वाली) सीता जगन्माता हैं।
९। भयविचारमेनम् अवधूय परिश्रमाय सिद्धो भव।
• Set aside this fear and get ready for hard work.
• इस भय के विचार को त्यागकर परिश्रम के लिए सिद्ध हो जाओ।
१०। त्रिदशानुग्रहं प्राप्नुयाः त्वम्।
• May you receive the grace of the gods.
• तुम देवताओं की कृपा प्राप्त करो।
@samvadah #vakyabhyas
• The old woman perished merely due to the fear of a snake.
• केवल सर्प के भय से ही वह वृद्धा मर गई।
२। मम श्रमः वृथा जातः।
• My effort has gone in vain.
• मेरा श्रम व्यर्थ हो गया।
३। वृकः शशस्य विचयं करोति।
• The wolf is stalking the rabbit.
• भेड़िया खरगोश का अन्वेषण कर रहा है।
४। अनिर्वेदः एव जयकारणं भवति।
• Perseverance alone is the cause of victory.
• अवसाद न करना ही विजय का कारण होता है।
५। आपानं न विद्यते नगरेऽस्मिन्।
• There is no tavern in this city.
• इस नगर में कोई मदिरालय नहीं है।
६। प्रहृत्य द्वारं वानरः अधावत्।
• The monkey banged the door and ran.
• द्वार पर मार कर बंदर दौड़ गया।
७। वर्षया मार्गे श्वभ्राणि जाताः नैके।
• Due to the rain, many potholes have formed on the road.
• वर्षा के कारण मार्ग पर कई गड्ढे हो गए हैं।
८। राघवनन्दिनी सीता जगन्माता वर्तते।
• Sita (giver of joy to Rama), is the mother of the world.
• राघवनन्दिनी (राम को सुख देने वाली) सीता जगन्माता हैं।
९। भयविचारमेनम् अवधूय परिश्रमाय सिद्धो भव।
• Set aside this fear and get ready for hard work.
• इस भय के विचार को त्यागकर परिश्रम के लिए सिद्ध हो जाओ।
१०। त्रिदशानुग्रहं प्राप्नुयाः त्वम्।
• May you receive the grace of the gods.
• तुम देवताओं की कृपा प्राप्त करो।
@samvadah #vakyabhyas