श्रीमती इंदिरा गाँधी
श्रीमती इंदिरा गाँधी का जन्म 19 नवम्बर, 1917 को हुआ था।
उन्होंने इकोले नौवेल्ले, बेक्स (स्विट्जरलैंड), इकोले इंटरनेशनल, जिनेवा, पूना और बंबई में स्थित प्यूपिल्स ऑन स्कूल, बैडमिंटन स्कूल, ब्रिस्टल, विश्व भारती, शांति निकेतन और समरविले कॉलेज, ऑक्सफोर्ड जैसे प्रमुख संस्थानों से शिक्षा प्राप्त की।
बचपन में उन्होंने ‘बाल चरखा संघ’ की स्थापना की और असहयोग आंदोलन के दौरान कांग्रेस पार्टी की सहायता के लिए वर्ष 1930 में बच्चों के सहयोग से ‘वानर सेना’ का निर्माण किया।
वर्ष 1955 में श्रीमती इंदिरा गाँधी कांग्रेस कार्य समिति और केंद्रीय चुनाव समिति की सदस्य बनी।
वर्ष 1958 में उन्हें कांग्रेस के केंद्रीय संसदीय बोर्ड के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया। वे एआईसीसी के राष्ट्रीय एकता परिषद् की उपाध्यक्ष और वर्ष 1956 में अखिल भारतीय युवा कांग्रेस और एआईसीसी महिला विभाग की अध्यक्ष बनीं।
वर्ष 1959 से 1960 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षा रहीं। जनवरी 1978 में उन्होंने फिर से यह पद ग्रहण किया।
वर्ष 1966-1964 तक सूचना और प्रसारण मंत्री रहीं। इसके बाद जनवरी, 1966 से मार्च 1977 तक वह भारत की प्रधानमंत्री रहीं। साथ-ही-साथ उन्हें सितम्बर, 1967 से मार्च, 1977 तक के लिए परमाणु ऊर्जा मंत्री बनाया गया।
उन्होंने 5 सितंबर 1967 से 14 फ़रवरी 1969 तक विदेश मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाला। जनवरी 1980 से वह योजना आयोग की अध्यक्षा रहीं। 14 जनवरी 1980 में वे फिर से प्रधानमंत्री बनीं।
उन्हें वर्ष 1972 में भारत रत्न पुरस्कार, वर्ष 1972 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए मैक्सिकन अकादमी पुरस्कार, वर्ष 1973 में एफएओ का दूसरा वार्षिक पदक और वर्ष 1976 में नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा साहित्य वाचस्पति (हिन्दी) पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
उनके मुख्य प्रकाशनों में ‘द इयर्स ऑफ़ चैलेंज’ (1966-69), ‘द इयर्स ऑफ़ एंडेवर’ (1969-72), ‘इंडिया’ (लन्दन) 1975, ‘इंडे’ (लौस्सैन) 1979 शामिल हैं।
31 अक्टूबर, 1984 को इनके अंगरक्षकों ने श्रीमती इंदिरा गाँधी की गोली मारकर हत्या कर दी।
श्रीमती इंदिरा गाँधी का जन्म 19 नवम्बर, 1917 को हुआ था।
उन्होंने इकोले नौवेल्ले, बेक्स (स्विट्जरलैंड), इकोले इंटरनेशनल, जिनेवा, पूना और बंबई में स्थित प्यूपिल्स ऑन स्कूल, बैडमिंटन स्कूल, ब्रिस्टल, विश्व भारती, शांति निकेतन और समरविले कॉलेज, ऑक्सफोर्ड जैसे प्रमुख संस्थानों से शिक्षा प्राप्त की।
बचपन में उन्होंने ‘बाल चरखा संघ’ की स्थापना की और असहयोग आंदोलन के दौरान कांग्रेस पार्टी की सहायता के लिए वर्ष 1930 में बच्चों के सहयोग से ‘वानर सेना’ का निर्माण किया।
वर्ष 1955 में श्रीमती इंदिरा गाँधी कांग्रेस कार्य समिति और केंद्रीय चुनाव समिति की सदस्य बनी।
वर्ष 1958 में उन्हें कांग्रेस के केंद्रीय संसदीय बोर्ड के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया। वे एआईसीसी के राष्ट्रीय एकता परिषद् की उपाध्यक्ष और वर्ष 1956 में अखिल भारतीय युवा कांग्रेस और एआईसीसी महिला विभाग की अध्यक्ष बनीं।
वर्ष 1959 से 1960 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षा रहीं। जनवरी 1978 में उन्होंने फिर से यह पद ग्रहण किया।
वर्ष 1966-1964 तक सूचना और प्रसारण मंत्री रहीं। इसके बाद जनवरी, 1966 से मार्च 1977 तक वह भारत की प्रधानमंत्री रहीं। साथ-ही-साथ उन्हें सितम्बर, 1967 से मार्च, 1977 तक के लिए परमाणु ऊर्जा मंत्री बनाया गया।
उन्होंने 5 सितंबर 1967 से 14 फ़रवरी 1969 तक विदेश मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाला। जनवरी 1980 से वह योजना आयोग की अध्यक्षा रहीं। 14 जनवरी 1980 में वे फिर से प्रधानमंत्री बनीं।
उन्हें वर्ष 1972 में भारत रत्न पुरस्कार, वर्ष 1972 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए मैक्सिकन अकादमी पुरस्कार, वर्ष 1973 में एफएओ का दूसरा वार्षिक पदक और वर्ष 1976 में नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा साहित्य वाचस्पति (हिन्दी) पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
उनके मुख्य प्रकाशनों में ‘द इयर्स ऑफ़ चैलेंज’ (1966-69), ‘द इयर्स ऑफ़ एंडेवर’ (1969-72), ‘इंडिया’ (लन्दन) 1975, ‘इंडे’ (लौस्सैन) 1979 शामिल हैं।
31 अक्टूबर, 1984 को इनके अंगरक्षकों ने श्रीमती इंदिरा गाँधी की गोली मारकर हत्या कर दी।