भाई बहन Xxx कहानी में पढ़ें कि शादी के बाद मैं अपनी बहन को लेने गया तो लॉकडाउन में हम दोनों फंस गए. मुझे मेरी बीवी की चूत याद आ रही थी.
दोस्तो, आज मैं अपनी पहली सेक्स कहानी लिखने जा रहा हूँ.
ये भाई बहन Xxx कहानी 22 मार्च 2020 की है, उस दिन जनता कर्फ़्यू लगाया गया था.
इस जनता कर्फ्यू से दो ही दिन पहले 20 मार्च को मेरी और मेरी बड़ी बहन सलमा का निकाह हुआ था.
बाइस मार्च को मैं अपनी आपा को लेने और अपनी बीवी को छोड़ने महू गया था क्योंकि जीजाजी की बहन से मेरी शादी हुई थी और उनकी शादी मेरी बहन से हुई थी.
हमारे यहां ऐसा चलन है.
चूंकि कोरोना की खबरें फ़ैल रही थीं और माहौल सही नहीं था, तो उस दिन मैं ही दोनों को छोड़ने और लेने गया था.
मैं इंदौर में जॉब करता हूँ और उज्जैन में मेरा घर है. अगले दिन तेईस तारीख की देर शाम को मैं बहन को लेकर वापस इंदौर पहुंचा.
उस दिन मुझे ऑफिस का कुछ काम था, तो मैंने सोचा था कि रात को काम करके उज्जैन निकल जाऊंगा.
लेकिन उसी रात को 8 बजे पूरे देश में लॉकडाउन घोषित हो गया तो मैं मेरी बहन वहीं इंदौर में फंस गए.
इंदौर के इस एक कमरे के घर में मैं औऱ बहन ही थे, खाने पीने का सब इंतजाम था … लेकिन बीवी की कमी थी.
अपनी बीवी को यानि मेरी बहन को जीजाजी दो दिन बाद लेने आने वाले थे. उसी समय वो अपनी बहन को मेरे पास छोड़ने वाले थे.
लॉकडाउन लगा, तो कुछ दिन तो यूं ही निकल गए. मगर अब मुझसे चूत के बिना रहना मुश्किल हो रहा था.
कमरा भी एक ही था, तो मैं कुछ कर ही नहीं पा रहा था.
दूसरी तरफ शायद मेरी आपा को किसी तरह की परेशानी नहीं थी.
एक दिन मेरी बहन नहाने गई तो मैं मोबाइल पर अपनी बीवी से बात करने लगा.
उससे बात करतें करते सेक्स की बात होने लगी और मैं ये भूल गया कि बहन नहाने गई है.
मैं अपने लंड को हिलाने लगा और जब लंड की छूट होने वाली थी, तभी बहन नहा कर कमरे में आ गई. उस समय मैं अपने चरम पर था … तो मैं अपने आपको रोक ही नहीं पाया और बहन के सामने ही अपना माल निकाल बैठा.
फिर उसे देख कर मुझे शर्म आ गई तो झेम्प कर बाथरूम में चला गया.
उस पूरे दिन मैंने अपनी बहन से कोई बात नहीं की. रात को बहन ने खाना बनाया और हम दोनों खाना खाने बैठ गए.
थोड़ी देर बाद बहन बोली- भाभीजान की याद आ रही है?
मैंने धीमे से कहा- हां.
वो कुछ नहीं बोली.
तो मैंने उससे पूछा- तुम्हें जीजाजी की याद नहीं आ रही?
बहन बोली- तुम्हारे जीजाजी से अभी तक सिर्फ दो बातें ही हुईं थीं और उसी दिन वो अपने किसी काम से ऑफिस चले गए थे. फिर जब वो लौटे, तो तुम लेने आ चुके थे. मैं बिना उनसे मिले तुम्हारे साथ आ गई.
मैंने पूछा- तो तुम्हारी सुहागरात नहीं मनी?
वो दुखी स्वर में बोली- नहीं.
ये सुन कर मैं सन्न रह गया, मेरी बहन एकदम कुंवारी चूत वाली थी. लेकिन मन में एक अनजानी ख़ुशी भी थी कि मुझे दस दिन में दूसरी सील पैक चूत चोदने को मिल सकती है क्योंकि हमारी यहाँ अपनी बहन को चोद देना कोई बड़ी बात नहीं है.
मैं उस समय तो चुप रह गया और हम दोनों सोने की तैयारी करने लगे.
मेरे रूम में पलंग नहीं था. मैं हमेशा ज़मीन पर ही सोता था क्योंकि अकेला रहता था.
सोने से पहले हम दोनों बात करने लगे.
मेरी बहन बोली- जब भी तुम्हें भाभी की याद आती है, तो क्या तुम ऐसे ही करते हो?
मैंने उसकी बात समझ ली कि ये मुठ मारने की बात कर रही है.
मैंने कहा- हर बार नहीं, कभी कभी.
वो बोली- क्या इसमें वो ही मजा आता है, जो भाभी के साथ आता है!
मैं बोला- नहीं, उसका मजा ही अलग है.
आपा बोली- मैं इस मजे से अभी दूर हूँ … लॉकडाउन खुलेगा, तब तेरे जीजाजी आएंगे, उसके बाद ही मुझे इस मजे का मालूम पड़ेगा.
ये सुन कर मैं बोला- आपा, जिस तरह मैं तेरी भाभी के बिना करता हूँ, तुम क्यों नहीं कर लेतीं.
वो बोली- जो काम एक मर्द कर सकता है … वो औरत नहीं कर सकती.
इस तरह की बातों के बाद मुझे कुछ वासना चढ़ने लगी और मैं मन मसोस कर सोने लगा.
बहन भी सो गई.
मुझे नींद नहीं आ रही थी.
मैं आपा की बातों को याद करने लगा तो मुझे उसका इशारा समझ आने लगा.
तब भी मैं उससे सेक्स के लिए कह नहीं पा रहा था. मेरे मन में आपा को चोदने का जी कर रहा था पर उसे कैसे चोदूं ये समझ नहीं आ रहा था.
अगले दिन सब कुछ रोज जैसे ही हुआ.
रात को मैंने आपा से कहा- आप चाहो तो जो मैं अपनी बीवी को याद करके करता हूँ … आप जीजाजी को याद करके कर लो.
वो बोली- नहीं.
फिर मैंने कहा- आपा आप कब तक इंतजार करोगी?
आपा मेरी आंखों में आंखें डालकर बोली- तू क्या चाहता है?
मैंने हिम्मत करके कहा- मैं आपको चोदना चाहता हूँ.
आपा मुस्कुरा कर बोली- बहुत बड़ा लंडधारी हो गया है!
मैं बहन के मुँह से लंड सुनकर गर्मा गया और बोला- आप एक मौका तो दो … जीजाजी को याद नहीं करोगी.
आपा बोली- तेरे जीजाजी ने अभी तो चूत के दर्शन भी नहीं किए, सिर्फ मम्मे ही दबाए थे.
दोस्तो, आज मैं अपनी पहली सेक्स कहानी लिखने जा रहा हूँ.
ये भाई बहन Xxx कहानी 22 मार्च 2020 की है, उस दिन जनता कर्फ़्यू लगाया गया था.
इस जनता कर्फ्यू से दो ही दिन पहले 20 मार्च को मेरी और मेरी बड़ी बहन सलमा का निकाह हुआ था.
बाइस मार्च को मैं अपनी आपा को लेने और अपनी बीवी को छोड़ने महू गया था क्योंकि जीजाजी की बहन से मेरी शादी हुई थी और उनकी शादी मेरी बहन से हुई थी.
हमारे यहां ऐसा चलन है.
चूंकि कोरोना की खबरें फ़ैल रही थीं और माहौल सही नहीं था, तो उस दिन मैं ही दोनों को छोड़ने और लेने गया था.
मैं इंदौर में जॉब करता हूँ और उज्जैन में मेरा घर है. अगले दिन तेईस तारीख की देर शाम को मैं बहन को लेकर वापस इंदौर पहुंचा.
उस दिन मुझे ऑफिस का कुछ काम था, तो मैंने सोचा था कि रात को काम करके उज्जैन निकल जाऊंगा.
लेकिन उसी रात को 8 बजे पूरे देश में लॉकडाउन घोषित हो गया तो मैं मेरी बहन वहीं इंदौर में फंस गए.
इंदौर के इस एक कमरे के घर में मैं औऱ बहन ही थे, खाने पीने का सब इंतजाम था … लेकिन बीवी की कमी थी.
अपनी बीवी को यानि मेरी बहन को जीजाजी दो दिन बाद लेने आने वाले थे. उसी समय वो अपनी बहन को मेरे पास छोड़ने वाले थे.
लॉकडाउन लगा, तो कुछ दिन तो यूं ही निकल गए. मगर अब मुझसे चूत के बिना रहना मुश्किल हो रहा था.
कमरा भी एक ही था, तो मैं कुछ कर ही नहीं पा रहा था.
दूसरी तरफ शायद मेरी आपा को किसी तरह की परेशानी नहीं थी.
एक दिन मेरी बहन नहाने गई तो मैं मोबाइल पर अपनी बीवी से बात करने लगा.
उससे बात करतें करते सेक्स की बात होने लगी और मैं ये भूल गया कि बहन नहाने गई है.
मैं अपने लंड को हिलाने लगा और जब लंड की छूट होने वाली थी, तभी बहन नहा कर कमरे में आ गई. उस समय मैं अपने चरम पर था … तो मैं अपने आपको रोक ही नहीं पाया और बहन के सामने ही अपना माल निकाल बैठा.
फिर उसे देख कर मुझे शर्म आ गई तो झेम्प कर बाथरूम में चला गया.
उस पूरे दिन मैंने अपनी बहन से कोई बात नहीं की. रात को बहन ने खाना बनाया और हम दोनों खाना खाने बैठ गए.
थोड़ी देर बाद बहन बोली- भाभीजान की याद आ रही है?
मैंने धीमे से कहा- हां.
वो कुछ नहीं बोली.
तो मैंने उससे पूछा- तुम्हें जीजाजी की याद नहीं आ रही?
बहन बोली- तुम्हारे जीजाजी से अभी तक सिर्फ दो बातें ही हुईं थीं और उसी दिन वो अपने किसी काम से ऑफिस चले गए थे. फिर जब वो लौटे, तो तुम लेने आ चुके थे. मैं बिना उनसे मिले तुम्हारे साथ आ गई.
मैंने पूछा- तो तुम्हारी सुहागरात नहीं मनी?
वो दुखी स्वर में बोली- नहीं.
ये सुन कर मैं सन्न रह गया, मेरी बहन एकदम कुंवारी चूत वाली थी. लेकिन मन में एक अनजानी ख़ुशी भी थी कि मुझे दस दिन में दूसरी सील पैक चूत चोदने को मिल सकती है क्योंकि हमारी यहाँ अपनी बहन को चोद देना कोई बड़ी बात नहीं है.
मैं उस समय तो चुप रह गया और हम दोनों सोने की तैयारी करने लगे.
मेरे रूम में पलंग नहीं था. मैं हमेशा ज़मीन पर ही सोता था क्योंकि अकेला रहता था.
सोने से पहले हम दोनों बात करने लगे.
मेरी बहन बोली- जब भी तुम्हें भाभी की याद आती है, तो क्या तुम ऐसे ही करते हो?
मैंने उसकी बात समझ ली कि ये मुठ मारने की बात कर रही है.
मैंने कहा- हर बार नहीं, कभी कभी.
वो बोली- क्या इसमें वो ही मजा आता है, जो भाभी के साथ आता है!
मैं बोला- नहीं, उसका मजा ही अलग है.
आपा बोली- मैं इस मजे से अभी दूर हूँ … लॉकडाउन खुलेगा, तब तेरे जीजाजी आएंगे, उसके बाद ही मुझे इस मजे का मालूम पड़ेगा.
ये सुन कर मैं बोला- आपा, जिस तरह मैं तेरी भाभी के बिना करता हूँ, तुम क्यों नहीं कर लेतीं.
वो बोली- जो काम एक मर्द कर सकता है … वो औरत नहीं कर सकती.
इस तरह की बातों के बाद मुझे कुछ वासना चढ़ने लगी और मैं मन मसोस कर सोने लगा.
बहन भी सो गई.
मुझे नींद नहीं आ रही थी.
मैं आपा की बातों को याद करने लगा तो मुझे उसका इशारा समझ आने लगा.
तब भी मैं उससे सेक्स के लिए कह नहीं पा रहा था. मेरे मन में आपा को चोदने का जी कर रहा था पर उसे कैसे चोदूं ये समझ नहीं आ रहा था.
अगले दिन सब कुछ रोज जैसे ही हुआ.
रात को मैंने आपा से कहा- आप चाहो तो जो मैं अपनी बीवी को याद करके करता हूँ … आप जीजाजी को याद करके कर लो.
वो बोली- नहीं.
फिर मैंने कहा- आपा आप कब तक इंतजार करोगी?
आपा मेरी आंखों में आंखें डालकर बोली- तू क्या चाहता है?
मैंने हिम्मत करके कहा- मैं आपको चोदना चाहता हूँ.
आपा मुस्कुरा कर बोली- बहुत बड़ा लंडधारी हो गया है!
मैं बहन के मुँह से लंड सुनकर गर्मा गया और बोला- आप एक मौका तो दो … जीजाजी को याद नहीं करोगी.
आपा बोली- तेरे जीजाजी ने अभी तो चूत के दर्शन भी नहीं किए, सिर्फ मम्मे ही दबाए थे.