अशांति और रोग पर भारी यह प्रयोग
अगर अशांति मिटानी है तो दोनों नथुनों से श्वास लें और 'ॐ शान्तिः... शान्तिः' जप करें और फिर फूंक मार के अशांति को बाहर फेंक दें । अगर निरोगता प्राप्त करनी है तो आरोग्यता के भाव से श्वास भरें और आरोग्य का मंत्र 'नासै रोग हरै सब पीरा । जपत निरंतर हनुमत बीरा ।।' जपकर 'रोग गया' ऐसा भाव करके फूँक मारें । ऐसा १० बार करें । कैसा भी रोगी, कैसा भी अशांत और कैसा भी बिखरा हुआ जीवन हो, सँवर जायेगा ।
#AsharamjiBapuQuotes
#SantShriAsharamjiBapu
#SantShriAsharamjiAshram
http://youtube.com/post/UgkxQ_dl4_vFBJUEYMx6IrELF0_FtYrbnRZb?si=g4Ysac5OaBVDxAc3
अगर अशांति मिटानी है तो दोनों नथुनों से श्वास लें और 'ॐ शान्तिः... शान्तिः' जप करें और फिर फूंक मार के अशांति को बाहर फेंक दें । अगर निरोगता प्राप्त करनी है तो आरोग्यता के भाव से श्वास भरें और आरोग्य का मंत्र 'नासै रोग हरै सब पीरा । जपत निरंतर हनुमत बीरा ।।' जपकर 'रोग गया' ऐसा भाव करके फूँक मारें । ऐसा १० बार करें । कैसा भी रोगी, कैसा भी अशांत और कैसा भी बिखरा हुआ जीवन हो, सँवर जायेगा ।
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