◼️ डीपफेक (Deepfakes):
👉 डीपफेक AI प्रौद्योगिकी के माध्यम से सृजित सिंथेटिक मीडिया को संदर्भित करता है, जिसका उद्देश्य व्यक्तियों को धोखा देने या गुमराह करने के लिये दृश्य एवं श्रव्य सामग्री का सृजन करना या उनमें हेरफेर करना है।
▪️उद्गम:
👉 ‘डीपफेक’ शब्द वर्ष 2017 में एक अनामिक रेडिट (Reddit) उपयोगकर्ता द्वारा गढ़ा गया था, जो अपने परिचय के लिये ‘डीपफेक्स’ (Deepfakes) छद्म नाम का उपयोग करता था।
👉 इस व्यक्ति ने अश्लील वीडियो के निर्माण और साझेदारी के लिये गूगल के ओपन-सोर्स डीप-लर्निंग टेक्नोलॉजी का उपयोग किया।
▪️ डीपफेक का सृजन:
👉 डीपफेक के सृजन में जेनरेटिव एडवर्सरियल नेटवर्क (Generative Adversarial Networks- GANs) नामक तकनीक का उपयोग किया जाता है, जिसमें दो प्रतिस्पर्द्धी न्यूरल नेटवर्क शामिल होते हैं: ‘जेनरेटर’ और ‘डिस्क्रेमिनेटर’।
▪️ जेनरेटर (Generator): इसका उद्देश्य ऐसी नकली/फेक छवि या वीडियो का निर्माण करना है जो वास्तविक कंटेंट से व्यापक रूप से मिलते-जुलते हों
▪️ डिस्क्रेमिनेटर (Discriminator): यह प्रामाणिक और नकली कंटेंट के बीच अंतर करने में अपनी भूमिका निभाता है।
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👉 डीपफेक AI प्रौद्योगिकी के माध्यम से सृजित सिंथेटिक मीडिया को संदर्भित करता है, जिसका उद्देश्य व्यक्तियों को धोखा देने या गुमराह करने के लिये दृश्य एवं श्रव्य सामग्री का सृजन करना या उनमें हेरफेर करना है।
▪️उद्गम:
👉 ‘डीपफेक’ शब्द वर्ष 2017 में एक अनामिक रेडिट (Reddit) उपयोगकर्ता द्वारा गढ़ा गया था, जो अपने परिचय के लिये ‘डीपफेक्स’ (Deepfakes) छद्म नाम का उपयोग करता था।
👉 इस व्यक्ति ने अश्लील वीडियो के निर्माण और साझेदारी के लिये गूगल के ओपन-सोर्स डीप-लर्निंग टेक्नोलॉजी का उपयोग किया।
▪️ डीपफेक का सृजन:
👉 डीपफेक के सृजन में जेनरेटिव एडवर्सरियल नेटवर्क (Generative Adversarial Networks- GANs) नामक तकनीक का उपयोग किया जाता है, जिसमें दो प्रतिस्पर्द्धी न्यूरल नेटवर्क शामिल होते हैं: ‘जेनरेटर’ और ‘डिस्क्रेमिनेटर’।
▪️ जेनरेटर (Generator): इसका उद्देश्य ऐसी नकली/फेक छवि या वीडियो का निर्माण करना है जो वास्तविक कंटेंट से व्यापक रूप से मिलते-जुलते हों
▪️ डिस्क्रेमिनेटर (Discriminator): यह प्रामाणिक और नकली कंटेंट के बीच अंतर करने में अपनी भूमिका निभाता है।
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