तुमको क्या चाहिए लौट जाएगी तू होकर शून्य,
ऐ बंदगी! देकर सुई-धागा,
गुँथना मेरा आसान कर।
आनंद हर क्षण, यही पुराण है।
हमने तुम्हें लाख दफ़ा टोका।
......... Good morning 🌞...........
ऐ बंदगी! देकर सुई-धागा,
गुँथना मेरा आसान कर।
आनंद हर क्षण, यही पुराण है।
हमने तुम्हें लाख दफ़ा टोका।
......... Good morning 🌞...........