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जब धन कमाते हैं, तो घर में चीजें आती हैं,,
लेकिन जब किसी की दुआएं कमाते हैं,
तो धन के साथ, खुशी, सेहत और प्यार भी
आता है..💯🌿

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विरासत में मेहनत
मिली है,
इसलिए हमारी कहानी
हम खुद लिख रहे हैं...! 💯


Q. क्या आप हमारे WhatsApp ग्रुप में join होना चाहते हैं?

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आज के लिए फ्री है ❗️ कल से paid हो जाएगा 👆


ज़िन्दगी में कुछ भी पाने के लिए मेहनत और सब्र दोनों की ज़रूरत होती है,
लेकिन अक्सर लोग कामयाबी सिर्फ़ किस्मत पर छोड़ देते हैं।

🔸
अपने सपनों को हकीकत बनाने के लिए आज से मेहनत शुरू करो!

खुद पर भरोसा रखो और हमेशा आगे बढ़ने के लिए तैयार रहो।

🌟
समय थोड़ा लगेगा, पर मेहनत का रंग ज़रूर लाएगा।


लगन एक छोटा सा शब्द है,
लेकिन जिसे लग जाती है
उसका पूरा जीवन बदल देती है।

पर ध्यान रहे,
सही चीज़ में लगे तो संवार देती है
और अगर गलत चीज़ में लगे
तो बिगाड़ भी देती है।


'' माना कि संघर्ष के दिन
सबसे कठिनऔर तकलीफ भरे है,
पर आप खुद पर भरोसा रखे,
ये दिन भी ढल जाएंगे और
यही दिन आपको
जिंदगी मे और मजबूत
बनाएंगे......!!


हमारी कहानी हमें ही पता है
बर्बाद जवानी हमें ही पता है
सबको लगता है कि जिंदा हूं
कैसे है जिंदा हमें ही पता है


🍁परिणाम की चिंता हम
नहीं करते घाव एक
ही करेंगे पर सटीक
करेंगे !🌱⏰

🪴Remember...
Whoever is trying to bring you down is already below you.🎈⛲️

❤️झूठ, धोखा और बहाने आपको कुछ पल की खुशी देंगे लेकिन इसकी कीमत आपको भविष्य में चुकानी पड़ेगी..!✔️


🪔 प्रकाश व प्रसन्नता के पर्व दीपावली पर आपको सपरिवार बहुत बहुत मंगलकामनाएं। धन, वैभव, यश, ऐश्वर्य के साथ दीपावली पर माँ महालक्ष्मी आपकी सुख सम्पन्नता स्वास्थ्य व हर्षोल्लास में वृद्धि करें, इन्हीं शुभेच्छाओं के साथ।

🪔ll शुभ दीपावली ll🎉🎉

🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔
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Video oldindan ko‘rish uchun mavjud emas
Telegram'da ko‘rish
प्रेम से बात करने
का मतलब
प्रेम करना ही नहीं..
बल्कि सम्मान करना
भी होता है....!❤️
💥


भकती हुई आग न सही,
तुम चिंगारी ही जलाए रखना

10 घण्टे पढ़ाई न सही,
3 घण्टे ही बनाए रखना.

मरना भी नहीं, 'रण' छोङना भी नहीं है,
ख़ुद पर तुम यक़ीं बनाए रखना,,

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आरव ने जैसे ही ऑफिस से बाहर कदम रखा, उसका फोन बज उठा। स्क्रीन पर काव्या का नाम चमक रहा था। उसने कॉल उठाई—

काव्या: आरव, तुम कहाँ हो? मैं कब से तुम्हारा इंतज़ार कर रही थी। आज तो हमें मूवी देखने जाना था, याद है ना?

आरव: काव्या, मैं ऑफिस के काम में इतना उलझ गया कि सब कुछ भूल ही गया। तुम कहाँ हो? मैं अभी तुम्हें पिक करता हूँ।

आरव ने जल्दी से गाड़ी में बैठकर बैग पीछे की सीट पर रखा और गाड़ी स्टार्ट की।

काव्या: रहने दो, अब मूड नहीं है। मैं पिछले दो घंटे से तैयार होकर तुम्हारा इंतजार कर रही थी। कभी तो मेरा ध्यान रखा करो।

आरव: देखो, काव्या, मैंने कहा ना भूल गया। अब इतनी सी बात पर मूड खराब मत करो। चलो, हम बाहर डिनर कर लेते हैं।

काव्या: नहीं, अब मैं कहीं नहीं जाऊंगी, और खाना भी नहीं बनाउंगी। जो मंगाना हो, खुद मंगा लेना।

आरव को भी गुस्सा आ रहा था, लेकिन वह खुद को शांत रखते हुए बोला—

आरव: ठीक है, बताओ क्या ऑर्डर करना है?

काव्या: जो करना है, खुद कर लो। मुझसे पूछने की जरूरत नहीं।

कहकर काव्या ने फोन काट दिया। आरव को बहुत गुस्सा आ रहा था। पूरे दिन ऑफिस में बॉस की चिकचिक, और घर पहुंचते ही बीवी के नखरे।

आरव घर पहुंचा और काव्या को मनाने की बहुत कोशिश की, लेकिन उसने उसकी एक नहीं मानी। आखिरकार, आरव भी बिना खाना खाए सोने चला गया।

शादी की शुरुआत:
आरव और काव्या की शादी को अभी सिर्फ दो साल ही हुए थे। उनकी अरेंज मैरिज थी। शादी के पहले साल में दोनों बहुत खुश थे, लेकिन धीरे-धीरे हालात बदलने लगे। आरव को गुरुग्राम की एक बड़ी कंपनी में नौकरी मिल गई थी, और पैकेज भी अच्छा था।

शुरुआती छह महीने बहुत अच्छे से गुजरे। आरव ने मेहनत की और उसे प्रमोशन भी मिल गया। उसने एक अच्छा सा फ्लैट खरीद लिया, लेकिन फ्लैट की ईएमआई बहुत ज्यादा थी। वह सोचता था कि समय के साथ सब ठीक हो जाएगा।

लेकिन जैसे-जैसे समय बीतने लगा, उसे महसूस हुआ कि इतनी महंगी ईएमआई चुकाने के लिए उसे दिन-रात काम करना पड़ता था। आरव ने एक बार अपने बॉस को नए फ्लैट की पार्टी में बुला लिया था। उसके बाद से बॉस ने उसे और ज्यादा काम देना शुरू कर दिया।

दूसरी तरफ, काव्या भी धीरे-धीरे गुरुग्राम के हाई-सोसायटी लाइफस्टाइल में ढलने लगी थी। वह अक्सर दोस्तों के साथ शॉपिंग, मूवी, और डिनर पर जाती थी। उसे यह नया जीवन बहुत पसंद आने लगा था।

तंगहाली और तनाव:
आरव की जिंदगी अब एक जाल बन चुकी थी—ऑफिस में बॉस का दबाव और घर में काव्या की ऊंची उम्मीदें। वह जितना कमाता, उससे ज्यादा खर्च हो जाता। हर महीने की सैलरी खत्म होने से पहले ही क्रेडिट कार्ड का सहारा लेना पड़ता था।

आरव ने कई बार काव्या से कहा कि खर्चे कम करने होंगे, लेकिन काव्या का जवाब हमेशा वही होता—

काव्या: बाकी लोग भी तो इसी सोसाइटी में रह रहे हैं। तुम ही क्यों पीछे रहना चाहते हो? बस सोच का फर्क है, तुम सोचो कि सब हो जाएगा, तो हो जाएगा।

आरव: लेकिन उनकी आमदनी हमसे बहुत ज्यादा है। हमें 20 साल तक ईएमआई चुकानी है। खर्चे कम करना जरूरी है।

काव्या: तो तुम दूसरी नौकरी क्यों नहीं ढूंढते? हो सकता है, कहीं और अच्छा पैकेज मिल जाए।

आरव ने थककर कहा—

आरव: नौकरी बदलने के लिए सेविंग होनी चाहिए। हम महीने के अंत तक कर्ज में डूबे रहते हैं। मेरी बात मानो, कुछ वक्त के लिए ये खर्चे बंद करो।

काव्या ने नाराजगी से कहा—

काव्या: तुमने ये सब बातें यहां आने से पहले क्यों नहीं सोची? मेरी कितनी बेज्जती होगी! मैंने सोसाइटी में तुम्हारी कितनी तारीफ की है, और अब तुम ये कह रहे हो कि कुछ भी मत करो?

आरव चुप रह गया। वह अंदर ही अंदर घुट रहा था। शादी से पहले वह एक छोटे शहर में कंप्यूटर इंस्टीट्यूट चलाता था, और कितना सुखी था। वह सुबह काम करता, दोपहर को घर आता, और शाम को फिर आराम से काम पर जाता। तब जीवन आसान और सुकून भरा था।

तरक्की की चाह में उसने सब कुछ छोड़ दिया था—अपने माता-पिता, अपने छोटे भाई, यहां तक कि अपने पुराने जीवन की सादगी भी। अब उसे अहसास हो रहा था कि उसने क्या खोया था।

बड़ा फैसला:
एक दिन, जब आरव ऑफिस में था, उसे बॉस ने एक और टारगेट दिया, जो लगभग असंभव था। बॉस ने कहा—

बॉस: आरव, मुझे तुम पर पूरा विश्वास है। तुम यह टारगेट जरूर पूरा कर लोगे।

आरव ने बिना सोचे अपना इस्तीफा टेबल पर रख दिया—

आरव: सर, ये रहा मेरा इस्तीफा। एक महीने का नोटिस पूरा करके मैं चला जाऊंगा।

बॉस: ये तुम क्या कर रहे हो? तुम्हारे घर की ईएमआई का क्या होगा?

आरव: सर, यही ईएमआई मेरी सारी परेशानियों की जड़ है। मैं फ्लैट बेच रहा हूँ, और अपनी पुरानी जिंदगी में वापस लौट रहा हूँ।

आरव ने ऑफिस से निकलकर फ्लैट बेचने के लिए प्रॉपर्टी डीलर से संपर्क किया।

काव्या का सामना:
शाम को जब आरव घर पहुंचा, तो काव्या ने उसे देखते ही कहा—

काव्या: आरव, हम कल कहीं घूमने चलें क्या? तुम एक दिन की छुट्टी ले लो।

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कॉन्फिडेंस यह नहीं है कि लोग आपको पसंद करेंगे ही.....
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कॉन्फिडेंस यह है कि जब वो पसंद ना भी करें, तब भी आप ठीक हो.....!!!!!!

😊 😊 😊 😊 😊 😊 😊 😊 😊 😊


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सबको लेकर चलने वाला यहीं होता है.
अंत में अकेला छोड़ दिया जाता है.


योजना जितनी गुप्त रहेगी,
सफलता उतनी उच्च रहेगी..!! ❤️✌️

- अज्ञात

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आईआईटी-एम्स ने माना... योग निद्रा से नींद नियंत्रित होती है, मन का भटकाव रुकता है; अभ्यास से इसका असर बढ़ा


कामयाबी में मिठाई
मांगने वाले लोग,
तकलीफ में दूर-दूर तक
नजर भी नहीं आते..!

यदि मंज़िल न मिले
तो रास्ते बदलो,
क्योंकि वृक्ष अपनी पत्तियाँ
बदलते हैं जड़े नहीं..!



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फंस गया हूं जिंदगी के कुरुक्षेत्र में अभिमन्यु की तरह,

बचाने कोई आने वाला नहीं,

और मैदान मैं छोडूंगा नहीं।❤️✌️

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जब पढ़ाई में मन न लगे...
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