सेंट्रल लाइब्रेरी बुक फेयर !
इतना सम्मान देने के लिए आप सबका शुक्रिया !
सेन्ट्रल लाइब्रेरी मेरे दिल के बहुत करीब है
8 साल तक मैं वहां डेली पढ़ाने जाता था
इसलिए जब वहां से रचित भाई का न्योता आया
तो क्लास से फ्री होते ही मैं लाइब्रेरी पहुँच गया
वहां चल रहे बुक फेयर का आज आखिरी दिन था
प्रतिष्ठित प्रकाशनों के स्टॉल्स से सजी लाइब्रेरी कमाल लग रही थी
शुरुआत में ही अरिहंत प्रकाशन का स्टॉल था जहाँ शशिकांत भाई ने बड़ी गर्मजोशी से मेरा स्वागत किया
उसके बाद आगे बढ़ा तो कुछ ऐसा दिखा कि मन प्रसन्न हो गया
अगल बगल में लगे 2 स्टॉल मेरे उन स्टूडेंट्स द्वारा शुरू किये पब्लिकेशन के थे जो कभी इसी सेन्ट्रल लाइब्रेरी में पढ़ने आया करते थे
1. राकेश नागर जी का दर्पण प्रकाशन
2. प्रमेश जैन जी का प्लस प्रमेश
दोनों स्टॉल्स से किताबें चुनकर मैं आगे बढ़ा तो Brilliant Books वाले मंडल साहब मिल गए
किताबों का सबसे बड़ा बंडल उन्हीं के यहाँ से बंधा
बाहर आते समय रीजनल लाइब्रेरियन रत्ना वाधवानी जी ने बुला लिया
चाय पिलाई,किताब तोहफे में दी
और पूरे अधिकार के साथ बोलीं
आप सेन्ट्रल लाइब्रेरी परिवार हिस्सा हैं आते रहा करिये
लाइब्रेरी के पूरे स्टाफ ने आज इतना प्यार और सम्मान दिया कि मेरे पास उन्हें शुक्रिया कहने के लिए शब्द कम पड़ रहे हैं
बस यही कहूंगा
सेन्ट्रल लाइब्रेरी लाइब्रेरी कमाल थी
कमाल है और हमेशा कमाल रहेगी
क्योंकि वो आपके काबिल हाथों में है
इतना सम्मान देने के लिए आप सबका शुक्रिया !
सेन्ट्रल लाइब्रेरी मेरे दिल के बहुत करीब है
8 साल तक मैं वहां डेली पढ़ाने जाता था
इसलिए जब वहां से रचित भाई का न्योता आया
तो क्लास से फ्री होते ही मैं लाइब्रेरी पहुँच गया
वहां चल रहे बुक फेयर का आज आखिरी दिन था
प्रतिष्ठित प्रकाशनों के स्टॉल्स से सजी लाइब्रेरी कमाल लग रही थी
शुरुआत में ही अरिहंत प्रकाशन का स्टॉल था जहाँ शशिकांत भाई ने बड़ी गर्मजोशी से मेरा स्वागत किया
उसके बाद आगे बढ़ा तो कुछ ऐसा दिखा कि मन प्रसन्न हो गया
अगल बगल में लगे 2 स्टॉल मेरे उन स्टूडेंट्स द्वारा शुरू किये पब्लिकेशन के थे जो कभी इसी सेन्ट्रल लाइब्रेरी में पढ़ने आया करते थे
1. राकेश नागर जी का दर्पण प्रकाशन
2. प्रमेश जैन जी का प्लस प्रमेश
दोनों स्टॉल्स से किताबें चुनकर मैं आगे बढ़ा तो Brilliant Books वाले मंडल साहब मिल गए
किताबों का सबसे बड़ा बंडल उन्हीं के यहाँ से बंधा
बाहर आते समय रीजनल लाइब्रेरियन रत्ना वाधवानी जी ने बुला लिया
चाय पिलाई,किताब तोहफे में दी
और पूरे अधिकार के साथ बोलीं
आप सेन्ट्रल लाइब्रेरी परिवार हिस्सा हैं आते रहा करिये
लाइब्रेरी के पूरे स्टाफ ने आज इतना प्यार और सम्मान दिया कि मेरे पास उन्हें शुक्रिया कहने के लिए शब्द कम पड़ रहे हैं
बस यही कहूंगा
सेन्ट्रल लाइब्रेरी लाइब्रेरी कमाल थी
कमाल है और हमेशा कमाल रहेगी
क्योंकि वो आपके काबिल हाथों में है