“लोग स्वभावतः मैथुन, मांस और मद्य की ओर आकर्षित होते हैं।
इन प्रवृत्तियों को नियंत्रित (और धीमे धीमे निवृत्त) करने के लिए ही विवाह, पशुबलि और सौत्रामणि यज्ञ की व्यवस्था बनाई गई है।”
- #श्रीमद्भागवत
[और स्पष्टीकरण के लिये पं. माधवाचार्य शास्त्री का लेख देखें]
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इन प्रवृत्तियों को नियंत्रित (और धीमे धीमे निवृत्त) करने के लिए ही विवाह, पशुबलि और सौत्रामणि यज्ञ की व्यवस्था बनाई गई है।”
- #श्रीमद्भागवत
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