『🖊️🖋️कलम-ए-इश्क🖋️🖊️』


Kanal geosi va tili: Hindiston, Hindcha


दिल के जज़्बात अल्फ़ाज़ बनकर कलम से निकलते है।
❤️Lᴏᴠᴇ Sʜᴀʏᴀʀɪ❤️
☕Cʜᴀʏ Sʜᴀʏᴀʀɪ☕
🖤Sᴀᴅ Sʜᴀʏᴀʀɪ🖤
💝Mᴏᴛɪᴠᴀᴛɪᴏɴᴀʟ Sʜᴀʏᴀʀɪ💝
💔Bʀᴀᴋᴇᴜᴘ Sʜᴀʏᴀʀɪ💔
🌴Nᴀᴛᴜʀᴇ Sʜᴀʏᴀʀɪ🌴
Fᴏʀ Mᴏʀᴇ Jᴏɪɴ Oᴜʀ Cʜᴀɴɴᴇʟ
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•?((¯°·..• कलम-ए-इश्क •..·°¯))؟•

रात हैरान कर देती है
अकेलेपन से जूझता हूँ
तुझे खोने के ख़याल से डरता हूँ
सन्नाटों की आदत नहीं
तेरी स्मृति परेशान कर देती है
रात हैरान कर देती है

🖊️☕𝒦𝒶𝓁𝒶𝓂-𝒜𝑒-𝐼𝓈𝒽𝓀 ☕🖊️


•?((¯°·..• कलम-ए-इश्क •..·°¯))؟•

खुली जुल्फें उसकी जैसे हो काला घना छाया,
मैं उसमें खो जाऊं मानो किसी वन की हो वो माया
-लफ़्ज-ए-प्रशान्त✍🏻
#love

🖊️☕𝒦𝒶𝓁𝒶𝓂-𝒜𝑒-𝐼𝓈𝒽𝓀 ☕🖊️


उनकी आंखों से आंखें नहीं मिलाया करते
जो घायल करते निगाहों से...!!


•?((¯°·..• कलम-ए-इश्क •..·°¯))؟•

उसकी आंखे भी कमाल करती है जनाब,
करती कुछ नहीं मगर सीधे दिल पर वार करती है।।
-लफ़्ज-ए-प्रशान्त✍🏻

🖊️☕𝒦𝒶𝓁𝒶𝓂-𝒜𝑒-𝐼𝓈𝒽𝓀 ☕🖊️


राज़ अपने किसी से बयां नहीं करते
राज़ जान लेने के बाद लोग दगा करते हैं
गली -गली ,नुक्कड़-नुक्कड़ बदनाम करते हैं तुम को...
लोग पराए हैं कभी अपना हुआ नहीं करते...!!


लफ़्ज-ए-प्रशान्त✍🏻 dan repost
"मेरी "जान" तुम ही हो क्या.."

सुनो,
मेरी जान ,,
तुम ,इतना गौर से क्यों ध्यान लगा रहे हो..
मेरी जान तुम ही हो क्या...
अच्छा अच्छा, ठहरो जरा,
तुम इतना नाराज क्यों हो रहे..
सच सच कहो ना
मेरी "जान" तुम ही हो क्या..

सुनो,
मेरी जान,
तुम, इतना क्यों फिर याद आ रहे हो,
मेरी जान तुम ही हो क्या..
अच्छा अच्छा ,सुनो ना,
तुम इतना अब क्यों इतरा रहे हो.
सच सच कहो ना,
मेरी "जान" तुम ही हो क्या..

सुनो,
मेरी जान,
तुम, इतना क्यों फिर अंजान बन रहे हो,
मेरी जान तुम ही हो क्या..
अच्छा अच्छा ,सुनो ना,
तुम इतना अब क्यों नजरें चुरा रहे हो.
सच सच कहो ना,
मेरी "जान" तुम ही हो क्या..

-लफ़्ज-ए-प्रशान्त✍🏻
#m_rwriter
#incomplete


•?((¯°·..• कलम-ए-इश्क •..·°¯))؟•

उसकी झुकी निगाहें भी खींच लेती है अपनी ओर मुझको,
वो अल्हड़ सी लड़की माथे पर टीका अलग से लगाती है अपने।।
-लफ़्ज-ए-प्रशान्त✍🏻
#love

🖊️☕𝒦𝒶𝓁𝒶𝓂-𝒜𝑒-𝐼𝓈𝒽𝓀 ☕🖊️


•?((¯°·..• कलम-ए-इश्क •..·°¯))؟•

बेशक सुंदर लगती है साजो श्रृंगार करने वाली लड़कियां,
मगर माथे पर एक बिंदी लगा सादगी पसंद वो,
अपनी पलके भी झुका ले तो कयामत लगती है।।
-लफ़्ज-ए-प्रशान्त✍🏻
#love

🖊️☕𝒦𝒶𝓁𝒶𝓂-𝒜𝑒-𝐼𝓈𝒽𝓀 ☕🖊️


वक्त का होश‌‌ ही नहीं रहा,
कब सुबह, कब दोपहर और कब शाम हुई

पूरा दिन चला गया तुम्हारी यादों के साथ
फिर भी लग रहा है कि,
अभी तो तुमसे मिलने की शुरुआत हुई...♥️


लफ़्ज-ए-प्रशान्त✍🏻 dan repost
इश्क क्या है,
वो खुद में मस्ती से रहने वाली लड़की,
संग अब सादगी का श्रृंगार कर आती है।।
-लफ़्ज-ए-प्रशान्त✍🏻

❤️💌3️⃣


•?((¯°·..• कलम-ए-इश्क •..·°¯))؟•

तुम्हारे दीदार की ख्वाहिश कुछ ऐसी है,
चाय की तलब लगी सीने में जैसी है।
-लफ़्ज-ए-प्रशान्त✍🏻☕️

🖊️☕𝒦𝒶𝓁𝒶𝓂-𝒜𝑒-𝐼𝓈𝒽𝓀 ☕🖊️


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लफ़्ज-ए-प्रशान्त✍🏻 dan repost
इश्क क्या है,
वो मॉडर्न सी रहने वाली लड़की,
शूट और साड़ी पहनकर आती है,
-लफ़्ज-ए-प्रशान्त✍🏻

❤️✉️2️⃣


•?((¯°·..• कलम-ए-इश्क •..·°¯))؟•

हमारे इंतजार पर कुछ यूं विराम हो जाए
जो तुम आओ कुंभ सी तो हम प्रयागराज हो जाएं..❤️🌸


•?((¯°·..• कलम-ए-इश्क •..·°¯))؟•


•?((¯°·..• कलम-ए-इश्क •..·°¯))؟•

अगर मुझे कोई दुनिया की सारी ख़ुशियाँ भी दे ना,
फिर भी मुझे सिर्फ़ तुम्हारी ही ख्वाइश होगी
..✨♥️

🖊️☕𝒦𝒶𝓁𝒶𝓂-𝒜𝑒-𝐼𝓈𝒽𝓀 ☕🖊️


💓सुकूँन 💓 dan repost
प्रेम की परम्परा है,

तुम्हे नम आँखों से खुद को विकल्प बनते देखना होगा!

~☺️


लफ़्ज-ए-प्रशान्त✍🏻 dan repost
इश्क क्या है,
वो कॉफी पसंद करने वाली लड़की,
अपने हाथों से अब चाय बनाती है।।
-लफ़्ज-ए-प्रशान्त✍🏻

❤️💌 1️⃣


•?((¯°·..• कलम-ए-इश्क •..·°¯))؟•

जिसे ख्वाबों में किसी को छूने नहीं देते
वो कह रहे रात गैरों की बाहों में गुजारी है....

कभी सोचा तो होता ये सब जानकर
कैसी हालत हुई होगी हमारी....!!
🥀🍂

🖊️☕𝒦𝒶𝓁𝒶𝓂-𝒜𝑒-𝐼𝓈𝒽𝓀 ☕🖊️


•?((¯°·..• कलम-ए-इश्क •..·°¯))؟•

अभी तुम मेरे मिजाज़
से न वाक़िफ हो

कभी कभी मुझे जान से प्यारे भी जहर लगते हैं😒🖤✨



🖊️☕𝒦𝒶𝓁𝒶𝓂-𝒜𝑒-𝐼𝓈𝒽𝓀 ☕🖊️

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