रास्ते में आएंगी रुकावटें बहुत!!
मगर तू बढ़ते जाना!
रोकेगा ज़माना तुझे!!
पर तू चलते जाना!
जब रहेगी सामने मंज़िल तेरे!!
तो रुकावटों पर नज़र भी नहीं जा पाएगी!
रास्ते हो जाएंगे आसान तेरे!!
जब सपनो में भी मंज़िल नज़र आएगी!
यूँ जमीन पर बैठकर क्यूँ
आसमान देखता है,
पँखों को खोल जमाना
सिर्फ उड़ान देखता है।
उम्र थका नहीं सकती, ठोकरे गिरा नहीं सकती, अगर जिद हो जितने की तो
परिस्थितिया भी हरा नहीं सकती...
ज्यादातर महान लोगों को उनकी सबसे बड़ी सफलता उनकी सबसे बड़ी असफलता के बाद मिली।
मगर तू बढ़ते जाना!
रोकेगा ज़माना तुझे!!
पर तू चलते जाना!
जब रहेगी सामने मंज़िल तेरे!!
तो रुकावटों पर नज़र भी नहीं जा पाएगी!
रास्ते हो जाएंगे आसान तेरे!!
जब सपनो में भी मंज़िल नज़र आएगी!
यूँ जमीन पर बैठकर क्यूँ
आसमान देखता है,
पँखों को खोल जमाना
सिर्फ उड़ान देखता है।
उम्र थका नहीं सकती, ठोकरे गिरा नहीं सकती, अगर जिद हो जितने की तो
परिस्थितिया भी हरा नहीं सकती...
ज्यादातर महान लोगों को उनकी सबसे बड़ी सफलता उनकी सबसे बड़ी असफलता के बाद मिली।