• मनुष्य लाख बार भी क्यों न गिरे उसको निराश नहीं होना चाहिए, पुरुषार्थ करते रहना चाहिए।
• ब्रह्मचर्य का पालन न करने से होने वाली हानियां और ब्रह्मचर्य के पालन से होने वाले लाभों को बार-बार पढ़कर, पढ़ाकर ब्रह्मचर्य पालन में दृढ़ता को उत्पन्न करना चाहिए। जैसे डॉक्टर रोगी को दिन में तीन बार या दो बार खाने के लिए दवाई देता है वैसे ही दिन में इनका दो या तीन बार पाठ करना चाहिए। यह काम के रोग से पीड़ित रोगी की दवाई है।
• ब्रह्मचर्य का पालन न करने से होने वाली हानियां और ब्रह्मचर्य के पालन से होने वाले लाभों को बार-बार पढ़कर, पढ़ाकर ब्रह्मचर्य पालन में दृढ़ता को उत्पन्न करना चाहिए। जैसे डॉक्टर रोगी को दिन में तीन बार या दो बार खाने के लिए दवाई देता है वैसे ही दिन में इनका दो या तीन बार पाठ करना चाहिए। यह काम के रोग से पीड़ित रोगी की दवाई है।