कहावत है नया नया मुल्ला प्याज ज्यादा खाता है
उसी तरह नया नया भक्ति करने वाले या हिंदुत्व की बात करने वाले कुछ लोग सोशल मीडिया में आ गए है जिनकी बात सुनकर आम आदमी पागल हो जाएगा।
आपको भक्ति करनी है कट्टर नहीं बनना है आपको अपने बच्चों को सही ज्ञान देना होगा तो परिस्थिति देखकर वो अपना निर्णय स्वयं ले लेंगे। अपने बच्चों को बेटियों को या बेटो को गलत सही का पहचान करवाना होगा पर प्यार से ना की नफरत से। अपने धर्म की बारीकियों को देवी देवताओं की विशेषता हर चीज अपने बच्चों को बताना होगा ताकि कोई उन्हें गुमराह ना कर सके कोई बहला फुसला ना सके।
किसी भाषा ने नफरत करके आप भक्ति नहीं कर सकते भगवान भाव के भूखे है ना कि भाषा के हा हमे अपनी भाषा आनी चाहिए पर दूसरे भाषा का भी हमें सम्मान करना होगा।
प्रेम से हम पूरी दुनिया जीत सकते है
हम अपनी बात पहुंचाने के लिए प्रेम का सहारा ले सकते है जबरदस्ती यदि हम किसी पर कोई चीज थोपते है तो सामने वाला दबाव में भले स्वीकार कर लेगा पर दिल से उसे स्वीकार नहीं कर पाएगा।
ईसाई प्रेम से लोगो को कन्वर्ट करते है हम प्रेम से उनकी घर वापसी करवा सकते है जबरदस्ती नहीं।
इसलिए किसी भाषा मजहब या संप्रदाय का विरोध करने से बेहतर होगा हम खुदको बेहतर बनाए ताकि वो हमारी तरफ आए नफरत से हम सिर्फ खाई बना सकते है जहां से किसी का लौट आना मुश्किल होगा।
खुदको इतना बेहतर बना दो की हर कोई तुमसा बनना चाहे
उसी तरह नया नया भक्ति करने वाले या हिंदुत्व की बात करने वाले कुछ लोग सोशल मीडिया में आ गए है जिनकी बात सुनकर आम आदमी पागल हो जाएगा।
आपको भक्ति करनी है कट्टर नहीं बनना है आपको अपने बच्चों को सही ज्ञान देना होगा तो परिस्थिति देखकर वो अपना निर्णय स्वयं ले लेंगे। अपने बच्चों को बेटियों को या बेटो को गलत सही का पहचान करवाना होगा पर प्यार से ना की नफरत से। अपने धर्म की बारीकियों को देवी देवताओं की विशेषता हर चीज अपने बच्चों को बताना होगा ताकि कोई उन्हें गुमराह ना कर सके कोई बहला फुसला ना सके।
किसी भाषा ने नफरत करके आप भक्ति नहीं कर सकते भगवान भाव के भूखे है ना कि भाषा के हा हमे अपनी भाषा आनी चाहिए पर दूसरे भाषा का भी हमें सम्मान करना होगा।
प्रेम से हम पूरी दुनिया जीत सकते है
हम अपनी बात पहुंचाने के लिए प्रेम का सहारा ले सकते है जबरदस्ती यदि हम किसी पर कोई चीज थोपते है तो सामने वाला दबाव में भले स्वीकार कर लेगा पर दिल से उसे स्वीकार नहीं कर पाएगा।
ईसाई प्रेम से लोगो को कन्वर्ट करते है हम प्रेम से उनकी घर वापसी करवा सकते है जबरदस्ती नहीं।
इसलिए किसी भाषा मजहब या संप्रदाय का विरोध करने से बेहतर होगा हम खुदको बेहतर बनाए ताकि वो हमारी तरफ आए नफरत से हम सिर्फ खाई बना सकते है जहां से किसी का लौट आना मुश्किल होगा।
खुदको इतना बेहतर बना दो की हर कोई तुमसा बनना चाहे