जमाना जहाँ से थक हार कर लौट आयेगा... तुम देखना एक परिंदा उस से आगे जायेगा।।
अगर, मगर, किंतु, परंतु, काश टूट जायेंगे.. आत्म बल से अड़चनों के पाश टूट जायेंगे।।
अगर, मगर, किंतु, परंतु, काश टूट जायेंगे.. आत्म बल से अड़चनों के पाश टूट जायेंगे।।