╰⍆'सच्ची बातें मोटिवेशनल'┼╯


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हम आपके साथ कुछ ऐसे मोटिवेशनल कोट्स (प्रेरणादायक विचार) Motivational Quotes & Thoughts in Hindi शेयर करेंगे जिन्हें अगर आप अपने निजी जीवन में implement करेंगे तो निश्चित ही आप सफलता (Success) की ओर बढ़ेंगे।
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सिकंदर की मृत्यु कहाँ हुई थी.?


Gk की पकड़ मज़बूत करना चाहते हैं तो जल्दी जल्दी ज्वाइन कीजिये यहाँ..😊


Forward from: UPSC GK QUIZ
निम्नलिखित शब्दों में से विषम शब्द चुनिए ?

(
A) महासागर

(B) कुआँ

(C) टैंक

(D) झील

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एक दिन उसकी माँ से बड़ी बहु ने पूछा माँ मुझे कुछ शिक्षा दें तो सास कि आँखों में आँसू भर आये उसने मात्र इतना कहा कि बेटी तुम्हारा पति तो भगवान के समान है शिक्षा तुम्हे उससे ही लेनी चाहिए। मैं तो इतना ही कहूँगी कि किसी को भी पराया नहीं समझना चाहिए और जीवन में किसी के साथ इतना बुरा मत करना कि जब वो तुम्हारे साथ फिर भी भलाई करे तो तुम्हारी आत्मा को गंवारा न हो।
भक्तवत्सल भगवान की जय!!

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" अपना और सौतेला पुत्र - सच्ची कहानी "

एक व्यक्ति था उसकी पत्नी का देहांत प्रसव के दौरान ही हो गया था परन्तु किसी तरह बच्चा हो गया था।
छोटा बच्चा माँ के बिना कैसे संभाला जाएगा ये एक बहुत ही चिंता का विषय हो गया था।
कई मित्रों व सगे सम्बन्धियों के कहने पर उसने पुनः विवाह किया, बच्चे को नई माँ मिल गयी।
नयी माँ बच्चे की सार सम्भार करने लगी बच्चे को भी लगा जैसे की उसकी माँ फिर से मिल गयी।
कुछ ही वर्षों में उस युवती को भी एक पुत्र हुआ और उसका ध्यान अपने नए बच्चे पर अधिक रहने लगा।
धीरे धीरे उसकी दृष्टि में दोष आने लगा और वो पक्षपात से ग्रसित हो गयी।
अब उसे लगने लगा की इस घर का वारिस तो बड़ा लड़का है और संपत्ति पर भी अधिक हक़ इसी लड़के का है।
उसे अपने पुत्र के भविष्य की बहुत चिंता रहने लगी।
उसने अपने पति को समझा बुझाके राज़ी किया और बड़े लड़के की पढाई लिखाई सब छुड़वा दी और घर के नौकर को भी हटा दिया तथा सब काम उसी लड़के से कराने लगी।
बच्चे के ऊपर बहुत बड़ी विपदा आ पड़ी वो अभी दूसरी कक्षा में ही था और दुनियादारी कुछ नहीं जानता था।
उसे यही लगता था माँ ने सही किया होगा घर का सारा काम करते करते उसका पूरा दिन बीत जाता था।
धीरे धीरे माँ ने उसे समझा दिया कि उसका असली कार्य अपने छोटे भाई की सेवा ही है और उसका छोटा भाई ही असली मालिक है।
बच्चे ने माँ की आज्ञा मान ली और सदा ही अपने भाई की सेवा सम्भार में तत्पर रहने लगा।
अब वो बड़े लड़के को ज़रा ज़रा सी ग़लती होने पर डांटने मारने भी लगी थी ताकि उस पर एक भय बना रहे। वो कोई अच्छे से अच्छे काम भी करता तो उसकी सौतेली माँ उसे बिलकुल बेकार बताती लेकिन फिर भी बालक के मन में माता के लिए प्यार ही उभरता वो उसे सौतेली नहीं मान पाता था।
उस औरत ने घर के पूजा पाठ का जिम्मा भी उसी बच्चे को दे रखा था अतः उस बालक की बुद्धि धीरे धीरे आध्यात्मिक होने लगी।
जैसे जैसे वो बड़ा होने लगा उसे सच्चाई समझ में आने लगी लेकिन वो अपना सब दुःख भगवान से ही कह कर संतोष कर लेता था और उसका सारा दुःख समाप्त हो जाता था।
पिता से वो बहुत प्रीती करता था और जानता था की पिता उसकी स्थति से बहुत दुखित रहते हैं लेकिन वो उनसे हमेशा माँ की बढ़ाई ही करता था।
पिता का होना ही उसके लिए बहुत था परन्तु उसके पिता भी एक बिमारी में चल बसे और वो बिलकुल अकेला हो गया।
बस भगवान ही उसके रह गए । समय बीतने लगा और दोनों बच्चे बड़े हो गए । अब घर का सारा अधिकार सौतेली माँ के हाथ में था।
योजना के अनुसार बड़े बच्चे की शादी उस औरत ने बहुत ही गरीब घर में व् अनपढ़ औरत से करी तथा अपने पुत्र की बहुत बड़े घर में व पढ़ी लिखी युवती से करी।
उसने बड़े लड़के को नौकरों वाले घर में से एक घर दे दिया और उसकी पत्नी को भी बता दिया की उसका असली कार्य मालकिन यानी छोटी बहु की सेवा करना ही है।
छोटे लड़के के लिए उसने बहुत बड़ा भवन बनवाया था और स्वयं उसी में उन्ही के साथ निवास करने लगी।
बड़ा लड़का ख़ुशी से अपना जीवन व्यतीत करने लगा और पत्नी के साथ माँ व छोटे भाई के परिवार की सेवा करने लगा ।
छोटे लड़के की स्त्री को उसकी माँ बहुत अखरती थी उसे लगता था की मालकिन उसे होना चाहिए।
अब सास बीमार भी रहती थी और साथ में रहने के कारण रात बिरात सेवा उस छोटी बहु को ही करनी पड़ती थी जो उसे बिलकुल नापसंद था।
एक दिन पता चला की सास को छूत की बिमारी हो गयी है ये जानकर तो छोटी बहु और दूर दूर रहने लगी। उसकी आँखों में सास खटकने लगी।
उसने अपने पति से कह दिया की इस घर में या तो वो रहेगी या उसकी माँ।
छोटे लड़के पर अपनी पत्नी का जादू चढ़ा हुआ था उसने अपनी ही माँ को घर से बाहर निकाल दिया और उसे वहीँ नौकरों के घर में रहने को कह दिया।
अब माँ भी वृद्ध हो गयी थी और अचानक हुए इस घटनाक्रम से एकदम बदहवास हो गयी।
उसे अपने जीवनभर की पूँजी व्यर्थ जाती दिखी वो तो अपने इस बेटे के ऊपर पूरी तरह निर्भर थी उसने सपने में भी ऐसा नहीं सोचा था।
उसे लगने लगा की अब उसकी सेवा कौन करेगा, उसने आत्महत्या करने का निर्णय ले लिया और गंगा जी में डूबने चल दी।
बड़ा लड़का कहीं बाहर गया था और उसे कुछ पता नहीं था, वो एक घाट से गुज़र रहा था शोर सुना तो देखा कोई नदी में डूब रहा है।
उसने भी छलांग लगा दी और जब बचाके लाया तो देखा की ये ये तो उसकी ही सौतेली माँ है।
जब सारी बात पता चली उसे तो वो बहुत दुखित हुआ और अपने पत्नी व माँ के साथ घर त्याग दिया व दूसरे गाँव में रहने लगा।
उसने अपने पत्नी के साथ माँ की बहुत सेवा करी और वो ठीक हो गयी। वो लोग अच्छे से जीवन बसर करने लगे।

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एक बार एक पिता ने अपनी बेटी की सगाई करवाई ।

लड़का बड़े अच्छे घर से था , इसलिए माता पिता दोनों बहुत खुश थे ।

लड़के के साथ लड़के के पूरे परिवार का स्वभाव भी
बड़ा अच्छा था !

पिता को अपनी बेटी की शादी अच्छे घर में पक्का होने पर राहत भी महसूस हो रहा था ।

शादी से एक सप्ताह पहले लड़के वालों ने लड़की के पिता को अपने घर खाने पर बुलाया....!

उस लड़की के पिता की तबीयत ठीक नहीं थी फिर भी वे ना न कह सके!

लड़के वालों ने बड़े ही आदर सत्कार से उनका स्वागत किया ।

फ़िर लडकी के पिता के लिए चाय आई ।

लेकिन शुगर की वजह से लडकी के पिता को चीनी वाली चाय से दूर रहने के लिए कहा गया था ।

पिता अपनी लड़की के होने वाली ससुराल में थे , इसलिए उन्होंने बिलकुल चुप रह कर चाय अपने हाथ में ले ली ।

चाय कि पहली चुस्की लेते ही वो चौक से गये ! चाय में चीनी बिल्कुल ही नहीं थी और इलायची भी डली हुई थी!

वो सोच मे पड़ गये कि ये लोग भी हमारी जैसी ही चाय पीते हैं शायद ।

जब दोपहर में उन्होंने खाना खाया , वो भी बिल्कुल उनके घर जैसा ।

उसके बाद दोपहर में आराम करने के लिए दो तकिये , पतली चादर मौजूद थे ।

उठते ही उन्हें निम्बू पानी का शर्बत दिया गया ।

वहाँ से विदा लेते समय उनसे रहा नहीं गया तो वे हैरानी वश पूछ बैठे.....श्रीमान जी, मुझे क्या खाना है , क्या पीना है , मेरी सेहत के लिए क्या अच्छा है या डॉक्टरों ने मेरे लिए क्या वर्जित किया है , ये परफेक्टली आपको कैसे पता है ??

पिता की पूरी बात सुनने के बाद बेटी कि सास ने धीरे से कहा कि कल रात को ही आपकी बेटी का फ़ोन आ गया था औऱ उसने बेहद विनम्रता से कहा था कि मेरे पापा स्वभाव से बड़े सरल हैं , बोलेंगे कुछ नहीं लेकिन प्लीज अगर हो सके तो आप उनका ध्यान रखियेगा !

पूरी बात सुनकर पिता की आंखों में पानी भर आया....!

लड़की के पिता जब अपने घर पहुँचे तो घर के ड्राइंग रूम में लगी अपनी स्वर्गवासी माँ के फोटो से हार निकाल दिया ।

जब पत्नी ने उनसे पूछा कि ये क्या कर रहे हो तो लडकी के पिता बोले-मेरा आजीवन ध्यान रखने वाली मेरी माँ इस घर से कहीं नहीं गयी है , बल्कि वो तो मेरी बेटी के रुप में इस घर में ही रहती है!

और फिर पिता की आंखों से आंसू छलक गये ओर वो फफक कर रो पड़े...साथ में माँ भी रोने लगी ।

दुनिया में सब कहते हैं ना कि बेटी है , एक दिन इस घर को छोड़कर चली जायेगी लेकिन बेटियां कभी भी अपने माँ-बाप के घर से नहीं जाती, बल्कि वो हमेशा उनके दिल में रहती हैं ।

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