#श्रेय_और _प्रेय
*जीवन में सदैव हमारे पास दो ही चुनाव होते हैं या तो हम श्रेय कर्म करें या प्रेय श्रेय का मतलब श्रेष्ठ होता है अर्थात ऐसा कर्म जो हमें ऊंचा ले जाता है इसे शुभ कर्म भी कहते हैं और प्रेय कर्म अर्थात प्रिय लगने वाला कर्म जो हमें गर्त में ले जाता है इन्हीं दो का प्रभाव हमारे जीवन पर भी पड़ता है*
*कभी-कभी हमको आगे सुख बीते हुए कल से भी प्राप्त होते हैं जब हम कोई शुभ कर्म आज में कर रहे होते हैं इसलिए आने वाले वाले कल को आज में शामिल करके हमेसा शुभ कर्म करते रहना चाहिए जिससे आने वाला कल हमे सुख प्रदान कर सके अगर आज हमारे पास दुःख हैं तो कल हमे शुभ कर्मों के जरीय सुख भी प्राप्त होगा इसलिए हमे हमेसा लोगों का परवाह किये बैगेर अपने आज को शुभ कर्मों के निमित सदुपयोग करते रहना चाहिए ऐसे जीवन का हर तरीके से लाभ लेते रहना चाहिए हमको हर हाल में श्रेय को ही संचित करते रहना चाहिए*
___शिवोहम शिवोहम शिवोहम
*जीवन में सदैव हमारे पास दो ही चुनाव होते हैं या तो हम श्रेय कर्म करें या प्रेय श्रेय का मतलब श्रेष्ठ होता है अर्थात ऐसा कर्म जो हमें ऊंचा ले जाता है इसे शुभ कर्म भी कहते हैं और प्रेय कर्म अर्थात प्रिय लगने वाला कर्म जो हमें गर्त में ले जाता है इन्हीं दो का प्रभाव हमारे जीवन पर भी पड़ता है*
*कभी-कभी हमको आगे सुख बीते हुए कल से भी प्राप्त होते हैं जब हम कोई शुभ कर्म आज में कर रहे होते हैं इसलिए आने वाले वाले कल को आज में शामिल करके हमेसा शुभ कर्म करते रहना चाहिए जिससे आने वाला कल हमे सुख प्रदान कर सके अगर आज हमारे पास दुःख हैं तो कल हमे शुभ कर्मों के जरीय सुख भी प्राप्त होगा इसलिए हमे हमेसा लोगों का परवाह किये बैगेर अपने आज को शुभ कर्मों के निमित सदुपयोग करते रहना चाहिए ऐसे जीवन का हर तरीके से लाभ लेते रहना चाहिए हमको हर हाल में श्रेय को ही संचित करते रहना चाहिए*
___शिवोहम शिवोहम शिवोहम