असम में तांत्रिक विधाओं और पारंपरिक उपायों का बड़ा महत्व है। यहां भूत-प्रेत, नकारात्मक ऊर्जा या बुरी आत्माओं से छुटकारा पाने के लिए कुछ खास उपाय किए जाते हैं।
1. नींबू और मिर्च का उपाय:
एक नींबू के चार टुकड़े करें।
उसमें काले तिल और सरसों के दाने डालकर एक धागे से बांध लें।
इसे घर के मुख्य दरवाजे पर लटकाएं या जहां समस्या महसूस हो, वहां रखें।
ऐसा माना जाता है कि यह नकारात्मक शक्तियों को रोकता है।
2. कपूर और गूगुल का धुआं:
शाम के समय कपूर और गूगुल जलाकर पूरे घर में उसका धुआं फैलाएं।
असम में यह उपाय बुरी आत्माओं को भगाने और घर में सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए किया जाता है।
3. जड़ी-बूटियों का उपयोग:
असम में "संदली" (एक खास पौधा) का पत्ता घर के दरवाजे पर टांगने का चलन है।
इसे बुरी आत्माओं और तांत्रिक प्रभावों को रोकने में प्रभावी माना जाता है।
इसके अलावा, नीम और तुलसी की पत्तियों का भी इस्तेमाल किया जाता है।
4. लाल धागा और तांबे का सिक्का:
एक लाल धागे में तांबे का सिक्का बांधकर बच्चे या प्रभावित व्यक्ति के गले में पहनाएं।
असम में यह उपाय नजर दोष और प्रेत बाधा से बचाने के लिए प्रचलित है।
5. नारियल का प्रयोग:
एक साबुत नारियल लेकर उस पर सिंदूर लगाएं।
इसे प्रभावित स्थान पर 7 बार घुमाएं और किसी नदी में बहा दें।
ऐसा माना जाता है कि नारियल बुरी शक्तियों को सोख लेता है।
6 काले नमक और सरसों का उपाय:
काला नमक और सरसों के दाने लेकर घर के चारों ओर घुमाएं।
इसे जलाकर राख को किसी पेड़ के नीचे दबा दें।
इससे नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।
7. बांस का उपाय:
असम में बांस को पवित्र माना जाता है।
घर के मुख्य दरवाजे पर एक बांस की पतली छड़ी लगाएं, जिस पर काले रंग की पट्टी लपेटी हो।
यह बुरी आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जा को घर में प्रवेश करने से रोकता है।
8. पीली सरसों और लहसुन:
एक कपड़े में पीली सरसों और लहसुन की 7 कलियां बांधकर घर के मुख्य द्वार पर लटकाएं।
यह भूत-प्रेत बाधा को रोकने में असरदार माना जाता है।
09. गंगा जल का छिड़काव:
घर के हर कोने में गंगा जल का छिड़काव करें।
गंगा जल में थोड़ी हल्दी मिलाकर छिड़कने से और अधिक प्रभावी माना जाता है।
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1. नींबू और मिर्च का उपाय:
एक नींबू के चार टुकड़े करें।
उसमें काले तिल और सरसों के दाने डालकर एक धागे से बांध लें।
इसे घर के मुख्य दरवाजे पर लटकाएं या जहां समस्या महसूस हो, वहां रखें।
ऐसा माना जाता है कि यह नकारात्मक शक्तियों को रोकता है।
2. कपूर और गूगुल का धुआं:
शाम के समय कपूर और गूगुल जलाकर पूरे घर में उसका धुआं फैलाएं।
असम में यह उपाय बुरी आत्माओं को भगाने और घर में सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए किया जाता है।
3. जड़ी-बूटियों का उपयोग:
असम में "संदली" (एक खास पौधा) का पत्ता घर के दरवाजे पर टांगने का चलन है।
इसे बुरी आत्माओं और तांत्रिक प्रभावों को रोकने में प्रभावी माना जाता है।
इसके अलावा, नीम और तुलसी की पत्तियों का भी इस्तेमाल किया जाता है।
4. लाल धागा और तांबे का सिक्का:
एक लाल धागे में तांबे का सिक्का बांधकर बच्चे या प्रभावित व्यक्ति के गले में पहनाएं।
असम में यह उपाय नजर दोष और प्रेत बाधा से बचाने के लिए प्रचलित है।
5. नारियल का प्रयोग:
एक साबुत नारियल लेकर उस पर सिंदूर लगाएं।
इसे प्रभावित स्थान पर 7 बार घुमाएं और किसी नदी में बहा दें।
ऐसा माना जाता है कि नारियल बुरी शक्तियों को सोख लेता है।
6 काले नमक और सरसों का उपाय:
काला नमक और सरसों के दाने लेकर घर के चारों ओर घुमाएं।
इसे जलाकर राख को किसी पेड़ के नीचे दबा दें।
इससे नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।
7. बांस का उपाय:
असम में बांस को पवित्र माना जाता है।
घर के मुख्य दरवाजे पर एक बांस की पतली छड़ी लगाएं, जिस पर काले रंग की पट्टी लपेटी हो।
यह बुरी आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जा को घर में प्रवेश करने से रोकता है।
8. पीली सरसों और लहसुन:
एक कपड़े में पीली सरसों और लहसुन की 7 कलियां बांधकर घर के मुख्य द्वार पर लटकाएं।
यह भूत-प्रेत बाधा को रोकने में असरदार माना जाता है।
09. गंगा जल का छिड़काव:
घर के हर कोने में गंगा जल का छिड़काव करें।
गंगा जल में थोड़ी हल्दी मिलाकर छिड़कने से और अधिक प्रभावी माना जाता है।
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