एक बार रात 3 बजे मैंने दोस्त को फोन करके कहा - अब कोई वजह नहीं दिखती जीने की।
वो बोला - चल मैं तुरंत आ रहा हूँ।
वो गुस्से में आया और बोला - क्या हुआ बोल? किस ने क्या किया? किसकी इतनी औकात हो गई?
ये सुन मेरी आँखें भर आईं।
वो बोला - मैं अब तेरी कोई बेवकूफीयां नहीं सहूँगा। तुझे अपने मेरे और परिवार के लिए संभलना ही होगा।
उस दिन एक दोस्त की कीमत समझ आई की मुफ्त में ही ये मुझसे कितना प्यार करता है, किसी से भी लड़ सकता है, दोस्ती से पवित्र रिश्ता कोई नहीं।
आपका कोई दोस्त हो तो उसे ये भेज देना ❤️
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