•?((¯°·..• कलम-ए-इश्क •..·°¯))؟•
वो रंग ढूंढते रहे जो इश्क का,
खुद को न जाने कब बेरंग कर गए।
-लफ़्ज-ए-प्रशान्त✍🏻
🖊️☕𝒦𝒶𝓁𝒶𝓂-𝒜𝑒-𝐼𝓈𝒽𝓀 ☕🖊️
वो रंग ढूंढते रहे जो इश्क का,
खुद को न जाने कब बेरंग कर गए।
-लफ़्ज-ए-प्रशान्त✍🏻
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