•?((¯°·..• कलम-ए-इश्क •..·°¯))؟•
मेरी मोहब्बत के दायरे समझो,
मुझे पत्थर कहना, आसान बहुत है!
चाँद कहाँ रुकता है धरती पर आकर,
चांद तो चांद है,चांद के आसमान बहुत है!!
~Abhiwrites 🌚
🖊️☕𝒦𝒶𝓁𝒶𝓂-𝒜𝑒-𝐼𝓈𝒽𝓀 ☕🖊️
मेरी मोहब्बत के दायरे समझो,
मुझे पत्थर कहना, आसान बहुत है!
चाँद कहाँ रुकता है धरती पर आकर,
चांद तो चांद है,चांद के आसमान बहुत है!!
~Abhiwrites 🌚
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