ये जो तुम्हारा शरमाना है
और कुछ नहीं मुझे बहकाना है
गले लगने का तो बहाना है
मुझे इश्क़ का मरीज़ जो बनाना है
तेरी हर अदा मुझे घायल करती है
तेरी मासूम मुस्कान मुझे पागल करती है....
हम तुम पर मरते मरते मर न जाएं किसी दिन
क्या तू इस बात का ख्याल भी न करती है...!!
और कुछ नहीं मुझे बहकाना है
गले लगने का तो बहाना है
मुझे इश्क़ का मरीज़ जो बनाना है
तेरी हर अदा मुझे घायल करती है
तेरी मासूम मुस्कान मुझे पागल करती है....
हम तुम पर मरते मरते मर न जाएं किसी दिन
क्या तू इस बात का ख्याल भी न करती है...!!