•?((¯°·..• कलम-ए-इश्क •..·°¯))؟•
प्रेम में पड़े दिल न जाने कितने ही टूट गए,
हवस की दुनिया में जाने कितने बचपन छूट गए।।
हो जुदा एक दूसरे से कर वादे सारे झूठ गए,
धोखे में ऐसे खोए से दिल प्रेम से ही वो रूठ गए।
-लफ़्ज-ए-प्रशान्त✍🏻
#incomplete
🖊️☕𝒦𝒶𝓁𝒶𝓂-𝒜𝑒-𝐼𝓈𝒽𝓀 ☕🖊️
प्रेम में पड़े दिल न जाने कितने ही टूट गए,
हवस की दुनिया में जाने कितने बचपन छूट गए।।
हो जुदा एक दूसरे से कर वादे सारे झूठ गए,
धोखे में ऐसे खोए से दिल प्रेम से ही वो रूठ गए।
-लफ़्ज-ए-प्रशान्त✍🏻
#incomplete
🖊️☕𝒦𝒶𝓁𝒶𝓂-𝒜𝑒-𝐼𝓈𝒽𝓀 ☕🖊️