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धर्मादर्थः प्रभवति धर्मात्प्रभवते सुखम्।धर्मेण लभते सर्वं धर्मसारमिदं जगत्॥
धर्म ही है।धर्म धन का कारण है। धर्म सुख का कारण है। धर्म सब का कारण है। वास्तव में संसार का सार धर्म ही है।वाल्मीकिरामायणम् 3.9.31सभी देशवासियों को दशहरा पर्व को हार्दिक शुभकामनाएं।सियापति रामचंद्र की ज