घुटनों और जोड़ों की समस्याएं अनेक कारणों से होती हैं और प्रकार भी अलग अलग है। सामान्य रूप से इस समस्या पर यह जानकारी दी गई थी और अनेक सदस्यों द्वारा प्रयोग करके लाभ प्राप्त भी हुआ। इस उपचार के साथ कुछ सरल प्रक्रिया और भी की जा सकती है, जिसे बताने का प्रयास करते हैं।
विभिन्न वात (जैसे संधिवात आदि ) कारणों से होने वाली समस्या में https://t.me/ayurved27/61
वैसे घुटने में दर्द कई प्रकार से होता है जैसे उपर की कटोरी में दर्द, घुटने के पीछे की नसों में दर्द, घुटने के साइड में दर्द आदि... इसके अतिरिक्त अलग अलग कारणों से यह दर्द हो सकते हैं।
दशांग लेप का बाह्य प्रयोग उपरोक्त सभी प्रकार के लिए उपयुक्त है। किंतु पूर्ण लाभ हेतु अन्य उपचार भी दर्द के प्रकार अनुसार अवश्य कर लेना चाहिए। जिसमें...
कैल्शियम की कमी है तो पीपल वृक्ष की छाया में कुछ घंटे प्रतिदिन बैठ धूप सेकना चाहिए।
यूरिक एसिड बढ़ रहा है तो उसका उपचार (किडनी शोधन) पहले कर लेना चाहिए।
पेट साफ रखना आवश्यक है अन्यथा लाभ नहीं मिल पाता है।
इसके साथ साथ
👉मैथी सोंठ और नागरमोथा का समभाग, कपड़छन चूर्ण; 2 2चम्मच प्रातः सायं गौ दुग्ध के अनुपान से
👉 किसी भी दर्द निवारक मलहम का भी बाह्य प्रयोग करना चाहिए। कुछ न हो तो संबंधित पोस्ट में बताए अनुसार एरंड तेल का प्रयोग और सिकाई करके लाभ हो जाता है, अन्य उपचार के साथ कुछ समय तक करते रहें।
ध्यान रखें कि पेट साफ रखना चाहिए और जहां तक संभव हो दिनचर्या पालन https://t.me/ayurved27/15 करते रहें।
लेख संग्रह @ayurved27 के सदस्य व्यक्ति यदि मात्रा, विधि का ज्ञान और आयुर्वेद चिकित्सा के प्रयोग में उचित अनुभव नहीं रखते हैं वे किसी वैद्य के सानिध्य में ही प्रयोग करें अन्यथा नहीं
ॐ 🚩
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वैसे घुटने में दर्द कई प्रकार से होता है जैसे उपर की कटोरी में दर्द, घुटने के पीछे की नसों में दर्द, घुटने के साइड में दर्द आदि... इसके अतिरिक्त अलग अलग कारणों से यह दर्द हो सकते हैं।
दशांग लेप का बाह्य प्रयोग उपरोक्त सभी प्रकार के लिए उपयुक्त है। किंतु पूर्ण लाभ हेतु अन्य उपचार भी दर्द के प्रकार अनुसार अवश्य कर लेना चाहिए। जिसमें...
कैल्शियम की कमी है तो पीपल वृक्ष की छाया में कुछ घंटे प्रतिदिन बैठ धूप सेकना चाहिए।
यूरिक एसिड बढ़ रहा है तो उसका उपचार (किडनी शोधन) पहले कर लेना चाहिए।
पेट साफ रखना आवश्यक है अन्यथा लाभ नहीं मिल पाता है।
इसके साथ साथ
👉मैथी सोंठ और नागरमोथा का समभाग, कपड़छन चूर्ण; 2 2चम्मच प्रातः सायं गौ दुग्ध के अनुपान से
👉 किसी भी दर्द निवारक मलहम का भी बाह्य प्रयोग करना चाहिए। कुछ न हो तो संबंधित पोस्ट में बताए अनुसार एरंड तेल का प्रयोग और सिकाई करके लाभ हो जाता है, अन्य उपचार के साथ कुछ समय तक करते रहें।
ध्यान रखें कि पेट साफ रखना चाहिए और जहां तक संभव हो दिनचर्या पालन https://t.me/ayurved27/15 करते रहें।
लेख संग्रह @ayurved27 के सदस्य व्यक्ति यदि मात्रा, विधि का ज्ञान और आयुर्वेद चिकित्सा के प्रयोग में उचित अनुभव नहीं रखते हैं वे किसी वैद्य के सानिध्य में ही प्रयोग करें अन्यथा नहीं
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