【 संगीत 】


Kanal geosi va tili: Hindiston, Hindcha


षड् दोषाः पुरुषेणेह हातव्या भूतिमिच्छता !
निद्रा तद्रा भयं क्रोधः आलस्यं दीर्घसूत्रता !!
हिन्दी अर्थ : किसी व्यक्ति के बर्बाद होने के 6 लक्षण होते है – नींद, गुस्सा, भय, तन्द्रा, आलस्य और काम को टालने की आदत.
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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
येनाक्रमन्त्यृषयो ह्याप्तकामा यत्र तत्‌ सत्यस्य परमं निधानम्‌ ॥
(मुंडक उपनिषद ३.१.६)

It is Truth that conquers and not falsehood; by Truth was stretched out the path of the journey of the gods, by which the sages winning their desire ascend there where Truth has its supreme abode.

'सत्य' की ही विजय होती है असत्य की नहीं; 'सत्य' के द्वारा ही देवों का यात्रा-पथ विस्तीर्ण हुआ, जिसके द्वारा आप्तकाम ऋषिगण वहां आरोहण करते हैं जहाँ 'सत्य' का परम धाम है।
#Mundaka_Upanishad






Ram Mandir Ki Hai Baari - Amit Dhull | Latest Ram Mandir Nirman Song 2020


रामायण धुन की कॉलर ट्यून को आप सभी अपने-अपने फोन में लगाएं, इसको खूब शेयर करें.. जय श्रीराम 🙏🚩🏹


इस को मोबाइल की रिगटोन बनाये।

@geet7773


*सभी सनातनी यह अद्भुत गीत अवश्य सुनें*❤️🚩🚩🚩
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@geet7773






आओ बच्चो तुम्हें दिखाएं
झाँकी हिन्दुस्तान की,
इस मिट्टी से तिलक करो
ये धरती है बलिदान की

वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्

जलियांवाला बाग ये देखो
यहीं चली थी गोलियाँ,
ये मत पूछो किसने खेली
यहाँ खून की होलियाँ

एक तरफ बन्दूकें दन-दन
एक तरफ थी टोलियाँ,
मरने वाले बोल रहे थे
इन्कलाब की बोलियाँ

यहां लगा दी बहनों ने भी
बाजी अपनी जान की
इस मिट्टी से तिलक करो
ये धरती है बलिदान की

वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्

ये है अपना राजपुताना
नाज़ इसे तलवारों पे,
इसने अपना जीवन काटा
बरछी, तीर, कटारों पे

ये प्रताप का वतन पला है,
आजादी के नारों पे
कूद पड़ी थी यहाँ हजारों,
पद्मिनियाँ अङ्गारों पे

बोल रही है कण-कण सॆ
कुर्बानी राजस्थान की
इस मिट्टी से तिलक करो
ये धरती है बलिदान की

वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्

देखो मुल्क मराठों का ये
यहाँ शिवाजी डोला था
मुगलोंकी ताक़त कोजिसने
तलवारों से तोला था

हर पर्वत पर आग लगी थी
हर पत्थर एक शोला था
बोली हर-हर महादेव की
बच्चा-बच्चा बोला था


शेर शिवाजी ने रक्खी थी
लाज हमारी शान की
इस मिट्टी से तिलक करो
ये धरती है बलिदान की

वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्

@geet7773


13 घंटे लगातार चलने वाला हनुमान चालीसा

@geet7773












नदिया न पिये कभी अपना जल,
वृक्ष न खाए कभी अपना फल ×२
अपने तन को मन को धन को
धर्म को दे दे दान रे
वो सच्चा इन्सान रे, वो सच्चा इन्सान ×२

चाहे मिले सोना चाँदी ×२
चाहे मिले रोटी बासी,
महल मिले बहु सुखकारी,
चाहे मिले कुटिया खाली
प्रेम और संतोष भाव से,
करता जो स्वीकार रे
वो सच्चा इन्सान रे, वो सच्चा इन्सान ×२

चाहे करे निन्दा कोई ×२
चाहे कोई गुण गान करे,
फूलों से सतकार करे
काँटों की चिन्ता न धरे
मान और अपमान ही दोनो
जिसे के लिये समान रे
वो सच्चा इन्सान रे, वो सच्चा इन्सान

@geet7773




आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झाँकी हिंदुस्तान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की
वंदे मातरम, वंदे मातरम

ये हैं अपना राजपूताना नाज़ इसे तलवारों पे
इसने सारा जीवन काटा बरछी तीर कटारों पे
ये प्रताप का वतन पला हैं आज़ादी के नारों पे
कूद पड़ी थी यहाँ हज़ारों पद्मिनियाँ अंगारों पे
बोल रही है कण कण से कुरबानी राजस्थान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की
वंदे मातरम, वंदे मातरम

देखो मुल्क मराठों का यह यहाँ शिवाजी डोला था
मुग़लों की ताकत को जिसने तलवारों पे तोला था
हर पर्वत पे आग जली थी हर पत्थर एक शोला था
बोली हर-हर महादेव की बच्चा-बच्चा बोला था
शेर शिवाजी ने रखी थी लाज हमारी शान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की
वंदे मातरम, वंदे मातरम

जलियाँवाला बाग ये देखो यही चली थी गोलियाँ
ये मत पूछो किसने खेली यहाँ खून की होलियाँ
एक तरफ़ बंदूकें दन दन एक तरफ़ थी टोलियाँ
मरनेवाले बोल रहे थे इन्कलाब की बोलियाँ
यहाँ लगा दी बहनों ने भी बाजी अपनी जान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की
वंदे मातरम, वंदे मातरम


@geet7773



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