ज्योतिष में सरकारी नौकरी के योग कैसे देखें?
ज्योतिष के अनुसार सरकारी नौकरी के योग देखने के लिए कुंडली में कुछ मुख्य ग्रहों और भावों का अध्ययन करना ज़रूरी होता है। यह मुख्यतः कर्म स्थान (दशम भाव), भाग्य स्थान (नवम भाव), सूर्य, शनि, और कुंडली में बनने वाले राजयोगों पर निर्भर करता है।
1. दशम भाव (कर्म स्थान)
- यह भाव नौकरी और पेशे का कारक होता है। सरकारी नौकरी के लिए दशम भाव और इसके स्वामी का बलवान होना ज़रूरी है।
- यदि दशम भाव में शुभ ग्रह (जैसे गुरु, शुक्र या चंद्रमा) स्थित हों या शुभ ग्रहों की दृष्टि हो, तो सरकारी नौकरी के योग बनते हैं।
- यदि दशम भाव का स्वामी सूर्य या शनि से संबंध बना रहा हो, तो सरकारी क्षेत्र में सफलता मिल सकती है।
2. नवम भाव (भाग्य स्थान)
- भाग्य का संबंध सरकारी नौकरी से गहरा होता है।
- यदि नवम भाव और दशम भाव के स्वामी आपस में संबंध बना रहे हों, तो सरकारी नौकरी के प्रबल योग बनते हैं।
- नवम भाव पर सूर्य, शनि या गुरु की दृष्टि हो, तो यह सरकारी सेवा में मदद करता है।
3. सूर्य का प्रभाव
- सूर्य को राजयोग का ग्रह माना गया है।
- यदि सूर्य उच्च का हो (मेष राशि में) या लग्न में हो, तो व्यक्ति को प्रशासनिक क्षेत्र में सफलता मिल सकती है।
- सूर्य का दशम भाव, नवम भाव, या लग्न से संबंध सरकारी नौकरी के संकेत देता है।
4. शनि का योगदान
- शनि कर्म और अनुशासन का कारक ग्रह है।
- यदि शनि दशम भाव में उच्च का हो (तुला राशि में), या दशम भाव के स्वामी से संबंध बना रहा हो, तो सरकारी सेवा के योग बनते हैं।
- शनि की महादशा और शुभ ग्रहों की दृष्टि सरकारी नौकरी की संभावनाओं को बढ़ाती है।
5. चतुर्थ भाव (स्थिरता और भूमि)
- यह भाव मानसिक शांति और स्थायित्व का प्रतीक है।
- यदि चतुर्थ भाव का संबंध दशम भाव से हो, तो व्यक्ति को स्थायी नौकरी (विशेषकर सरकारी क्षेत्र) मिल सकती है।
6. दशा और गोचर का महत्व
- सरकारी नौकरी मिलने का समय मुख्यतः ग्रहों की दशा और गोचर पर निर्भर करता है।
- यदि सूर्य, शनि, दशम भाव के स्वामी, या नवम भाव के स्वामी की महादशा/अंतरदशा चल रही हो, और कुंडली में योग बन रहे हों, तो सरकारी नौकरी मिलने की संभावना अधिक होती है।
- गुरु या शनि का गोचर दशम भाव या दशम भाव के स्वामी पर हो रहा हो, तब भी सरकारी नौकरी के अवसर बढ़ते हैं।
सरकारी नौकरी के प्रमुख योग:
1. राजयोग: यदि सूर्य और शनि का संबंध दशम या नवम भाव से हो, तो सरकारी सेवा के योग बनते हैं।
2. धनयोग: अगर दशम भाव या नवम भाव का संबंध लग्न से हो, तो व्यक्ति को धन और नौकरी दोनों में सफलता मिलती है।
3. पंचमहापुरुष योग: यदि शनि या गुरु उच्च के होकर केंद्र में स्थित हों, तो सरकारी नौकरी के योग बनते हैं।
4. लग्नेश का बलवान होना: लग्नेश मज़बूत हो और शुभ ग्रहों की दृष्टि हो, तो नौकरी में सफलता तय है।
सरकारी नौकरी का समय कैसे जानें?
1. महादशा/अंतरदशा का प्रभाव:
- सूर्य, शनि, दशम भाव के स्वामी, या नवम भाव के स्वामी की दशा-ANTARDASHA चल रही हो।
2. गोचर:
- शनि और गुरु का गोचर दशम भाव या दशमेश पर हो।
- सूर्य या गुरु लग्न या दशम भाव में स्थित हों।
उपाय (अगर सरकारी नौकरी के योग कमज़ोर हों):
1. हर रविवार को सूर्य देव को जल अर्पित करें।
2. "ॐ सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करें।
3. शनि की शांति के लिए शनिवार को सरसों का तेल दान करें।
4. गुरु की कृपा के लिए हर गुरुवार को पीले वस्त्र पहनें और केले के पेड़ की पूजा करें।
अगर कुंडली में योग और दशाएं अनुकूल हों, तो सरकारी नौकरी की संभावना बढ़ जाती है। कुंडली का विश्लेषण किसी अनुभवी ज्योतिषी से कराएं।
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ज्योतिष के अनुसार सरकारी नौकरी के योग देखने के लिए कुंडली में कुछ मुख्य ग्रहों और भावों का अध्ययन करना ज़रूरी होता है। यह मुख्यतः कर्म स्थान (दशम भाव), भाग्य स्थान (नवम भाव), सूर्य, शनि, और कुंडली में बनने वाले राजयोगों पर निर्भर करता है।
1. दशम भाव (कर्म स्थान)
- यह भाव नौकरी और पेशे का कारक होता है। सरकारी नौकरी के लिए दशम भाव और इसके स्वामी का बलवान होना ज़रूरी है।
- यदि दशम भाव में शुभ ग्रह (जैसे गुरु, शुक्र या चंद्रमा) स्थित हों या शुभ ग्रहों की दृष्टि हो, तो सरकारी नौकरी के योग बनते हैं।
- यदि दशम भाव का स्वामी सूर्य या शनि से संबंध बना रहा हो, तो सरकारी क्षेत्र में सफलता मिल सकती है।
2. नवम भाव (भाग्य स्थान)
- भाग्य का संबंध सरकारी नौकरी से गहरा होता है।
- यदि नवम भाव और दशम भाव के स्वामी आपस में संबंध बना रहे हों, तो सरकारी नौकरी के प्रबल योग बनते हैं।
- नवम भाव पर सूर्य, शनि या गुरु की दृष्टि हो, तो यह सरकारी सेवा में मदद करता है।
3. सूर्य का प्रभाव
- सूर्य को राजयोग का ग्रह माना गया है।
- यदि सूर्य उच्च का हो (मेष राशि में) या लग्न में हो, तो व्यक्ति को प्रशासनिक क्षेत्र में सफलता मिल सकती है।
- सूर्य का दशम भाव, नवम भाव, या लग्न से संबंध सरकारी नौकरी के संकेत देता है।
4. शनि का योगदान
- शनि कर्म और अनुशासन का कारक ग्रह है।
- यदि शनि दशम भाव में उच्च का हो (तुला राशि में), या दशम भाव के स्वामी से संबंध बना रहा हो, तो सरकारी सेवा के योग बनते हैं।
- शनि की महादशा और शुभ ग्रहों की दृष्टि सरकारी नौकरी की संभावनाओं को बढ़ाती है।
5. चतुर्थ भाव (स्थिरता और भूमि)
- यह भाव मानसिक शांति और स्थायित्व का प्रतीक है।
- यदि चतुर्थ भाव का संबंध दशम भाव से हो, तो व्यक्ति को स्थायी नौकरी (विशेषकर सरकारी क्षेत्र) मिल सकती है।
6. दशा और गोचर का महत्व
- सरकारी नौकरी मिलने का समय मुख्यतः ग्रहों की दशा और गोचर पर निर्भर करता है।
- यदि सूर्य, शनि, दशम भाव के स्वामी, या नवम भाव के स्वामी की महादशा/अंतरदशा चल रही हो, और कुंडली में योग बन रहे हों, तो सरकारी नौकरी मिलने की संभावना अधिक होती है।
- गुरु या शनि का गोचर दशम भाव या दशम भाव के स्वामी पर हो रहा हो, तब भी सरकारी नौकरी के अवसर बढ़ते हैं।
सरकारी नौकरी के प्रमुख योग:
1. राजयोग: यदि सूर्य और शनि का संबंध दशम या नवम भाव से हो, तो सरकारी सेवा के योग बनते हैं।
2. धनयोग: अगर दशम भाव या नवम भाव का संबंध लग्न से हो, तो व्यक्ति को धन और नौकरी दोनों में सफलता मिलती है।
3. पंचमहापुरुष योग: यदि शनि या गुरु उच्च के होकर केंद्र में स्थित हों, तो सरकारी नौकरी के योग बनते हैं।
4. लग्नेश का बलवान होना: लग्नेश मज़बूत हो और शुभ ग्रहों की दृष्टि हो, तो नौकरी में सफलता तय है।
सरकारी नौकरी का समय कैसे जानें?
1. महादशा/अंतरदशा का प्रभाव:
- सूर्य, शनि, दशम भाव के स्वामी, या नवम भाव के स्वामी की दशा-ANTARDASHA चल रही हो।
2. गोचर:
- शनि और गुरु का गोचर दशम भाव या दशमेश पर हो।
- सूर्य या गुरु लग्न या दशम भाव में स्थित हों।
उपाय (अगर सरकारी नौकरी के योग कमज़ोर हों):
1. हर रविवार को सूर्य देव को जल अर्पित करें।
2. "ॐ सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करें।
3. शनि की शांति के लिए शनिवार को सरसों का तेल दान करें।
4. गुरु की कृपा के लिए हर गुरुवार को पीले वस्त्र पहनें और केले के पेड़ की पूजा करें।
अगर कुंडली में योग और दशाएं अनुकूल हों, तो सरकारी नौकरी की संभावना बढ़ जाती है। कुंडली का विश्लेषण किसी अनुभवी ज्योतिषी से कराएं।
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