नोट्स को लेकर confusion ?
नए पढ़े ? पुराने पढ़े ? क्लासरूम के पढ़े ? शॉर्ट नोट्स पढ़े ?
इन सभी प्रश्नों का जवाब है , आपके पास अपने लिखे हुए नोट्स हो , शॉर्ट नोट्स के जैसे
Art of Notes Making
आप UPSC या RPSC के अधिकतर टॉपर्स को ठीक से observe करोगे तो उनमें एक कॉमन क्वालिटी देखने को मिलेगी की 90% + सफल अभ्यर्थियों के पास अपने नोट्स होते है
इतने कम समय मे नोट्स बनाने चाहिए ? बनाये तो कैसे बनाये ? शॉर्ट नोट्स बनाये या फुल नोट्स
पहली बात - जो भी समय है ,वो पर्याप्त है कि अपने नोट्स तैयार किये जायें , भले ही आप पहली बार mains दे रहे हो तब भी ।
क्या समय पर्याप्त है ?
देखो सर ऐसा है थोड़ी smartness दिखाओगे तो समय पर्याप्त है और ये आपके नोट्स आपका समय बचाएंगे ही , ना कि समय खराब करेंगे ।
कैसे ? मान लेते है आपने किसी A संस्था के नोट्स पढ़े ... फिर किसी ने कहा कि B संस्था के नोट्स ज्यादा अच्छे है ...फिर किसी ने कहा कि NCERT ज्यादा अच्छी है , आप तीन चीज़ों में कंफ्यूज रहेंगे , और कंफ्यूज ना भी हो तो हमे मन की शांति नही मिलती ।
समाधान - आपके A संस्था के नोट्स पढ़े है , अच्छे से याद कर लिए , revise करते समय (important पॉइंट)
अपने शॉर्ट नोट्स टाइप बना लो । फिर B संस्था के नोट्स देख के आपको अशांति हुई कि यार ये नही पढ़े तो कुछ miss हो जाएगा । आपने उसका प्रिंट आउट निकाला और उसको फटाफट पढ़ा (इसकी पूर्व शर्त क्या थी कि A वाले आपको अच्छे से याद है) तो आपने पाया कि B संस्था ने कुछ पॉइंट्स ज्यादा लिखे है , उसको अपने A नोट्स में उतार लिया , थोड़े दिनों बाद किसी ने कहा कि ncert पढ़नी है तो आपने उसको syllabus के according फटाफट पढ़ा और उसके extra पॉइंट्स अपने नोट्स में उतार लिए । इस तरीके से आपके नोट्स में आपको अशांत करने वाले सभी पॉइंट्स का समावेश हो गया । और यकीन मानो आपका इससे समय बचेगा की ना कि खराब होगा , इसमें थोड़ा तो smartness दिखानी ही होगी । आप स्पून फीडिंग के भरोसे mains में नही रह सकते ।
लास्ट टाइम पर रिविज़न आप अपने खुद के नोट्स से ही करो ।
ये सब करने के लिए करना क्या है
1)नोट्स बनाने के लिए नोट्स नही बनाने है , आपका नोट्स बनाना रिविज़न का भाग होना चाहिए
2) नोट्स में हर टॉपिक के बाद थोड़ी जगह छोड़ी जाए
3) नोट्स keywords specific हो ना कि पूरी पूरी बात लिखी जाए , यहां कॉमन सेंस सबसे ज्यादा जरूरी है , हमने हर सब्जेक्ट के कीवर्ड्स के साथ शॉर्ट नोट्स दिए थे , अब भी ये कला नही समझ पा रहे है तो ये पूरा आर्टिकल आपके लिए व्यर्थ है ।
4)सभी सब्जेक्ट्स के शॉर्ट नोट्स बनाने की बजाय थोड़े छोटे सब्जेक्ट्स (6 छोटे सब्जेक्ट्स , pub ad, ethics, इकॉनमी,IR, world हिस्ट्री) इन्ही के बनाये जाए , हिस्ट्री,geography के नही भी बनाओगे और main नोट्स में ही अपडेट कर लोगे तब भी चलेगा हालांकि थोड़ा समय हो और बना लेते हो तो फायदा ही होना है ,नुकसान नही
5)शुरुआत में एक नोट्स से ही रिवीज़न करो ,एक नोट्स पर पहले भरोसा करो उसी से सबसे पहले अपने नोट्स बनाओ ।
वो पहले नोट्स कौनसे हो ?
2 तरीके है या यूं कहें 2 प्रकार के लोगो के लिये अलग अलग तरीके है
1st- जो पहले से mains दे चुके ,क्योकि आप अपने पुराने नोट्स पढ चुके हो ,वो आपको याद है,आपकी मेमोरी traces के रुप मे ,दीर्घकालिक मेमोरी में प्रवेश कर चुके है तो पहले उन्ही को दोबारा revise करे ,अच्छे से याद करे , शॉर्ट नोट्स जैसे बना ले
फिर ?
दूसरे नोट्स से cross चेक कर लो ,जो दूसरे नोट्स में अच्छा लगे उसे उतार लो ,अपने बनाये हुए शॉर्ट नोट्स मे
दूसरे प्रकार के अभ्यर्थी जो पहली बार दे रहे है ,उन्हें नए नोट्स से ही शुरुआत कर लेनी चाहिए
कोई संस्था का झंडा उठाकर चलने से भले ही वह ceramic ही क्यो ना हो , आपका सिलेक्शन होने वाला नही है , सबमे कुछ अच्छा हो सकता है ,कुछ कमियां हो सकती है।
अलग अलग books या नोट्स का use करने के लिए ये भी किया जा सकता है कि ग्रुप का use किया जाए , दो दोस्त अलग अलग सोर्स पढ़के भी एक दूसरे को पूर्ण कर सकते है ,इसकी पूर्व शर्त ये है कि दोस्तो में आपस मे अच्छी समझ हो और ईर्ष्या की भावना न हो
6)एक दिन में एक ही सब्जेक्ट ले के बैठो ,ऐसे नही आज law के एक topic करेंगे , पूरा law 1 या 2 या अधिकतम 3 दिन में एक sitting में ही निपटाओ