*!! लालची कुत्ता !!*
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बहुत साल पहले की बात है, एक गांव में एक आवारा लालची कुत्ता भूख के मारे खाने की तलाश में इधर-उधर भटक रहा था। वह गांव में बहुत इधर-उधर घुमा लेकिन खाने के लिए उसके हाथ कुछ भी नहीं लगा।
फिर घूमते-घूमते वह एक कसाई के दुकान पर आ पंहुचा। वहां पर उसे हड्डी के साथ एक मांस का टुकड़ा पड़ा मिला। वह बहुत खुश हुआ और अपने आप से सोचने लगा (अरे वाह आज तो कितना स्वादिष्ट मांस खाने के लिए मिल गया है और साथ में एक हड्डी भी है, आज तो खाने में बहुत मजा आएगा)।
ऐसा सोचकर उसने उस मांस के टुकड़े को उठाया और खाने का आनंद लेने के लिए एक सुरक्षित और शांत जगह ढूंढ़ने के लिए वहां से भागकर चला गया।
उसे एक पेड़ के निचे मन चाही जगह मिलती है। वहां पर बैठता है और उस हड्डी के मांस के टुकड़े को खाने लगता है। खाते-खाते उसने मांस के टुकड़े को पूरा खा लिया और सिर्फ हड्डी बची हुई थी।
अब उसे थोड़ी प्यास लगती है। पर वह उस हड्डी को छोड़कर नहीं जाना चाहता था तो वह उस हड्डी को ऐसे ही मुँह में पकड़कर नदी के किनारे आ गया।
उस नदी पर इस पार से उस पार तक जाने के लिए एक पुल बना हुआ था। वह कुत्ता उस पुल पर आ गया और वह जैसे ही पानी को पिने के लिए नदी में झुका तभी उसे नदी में उसकी खुदकी परछाई दिखाई दी।
पर उसे लगा पानी में कोई दूसरा कुत्ता अपने मुँह में हड्डी लिए बैठा है। उस पानी में अपनी खुद की परछाई को देखकर उसके मन में लालच आ गया और उसने उस हड्डी को भी पाने के लिए सोचा।
लेकिन उसने जैसे ही उस परछाई से हड्डी छीनने के लिए अपना मुँह खोला तैसे ही उसके मुँह से वह भी हड्डी पानी में गिर गयी। जैसे ही हड्डी पानी में गिरा तो उसके गिरने की वजह से वह परछाई भी नष्ट हो गयी और तब उस कुत्ते को ध्यान आया की दूसरी हड्डी हासिल करने की कोशिश में उसके पास जो हड्डी थी उसे भी खो दिया।
*शिक्षा:-*
जो चीज़े हमारे पास है उसका ख्याल रखना चाहिए और कभी भी लालची नहीं होना चाहिए।
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बहुत साल पहले की बात है, एक गांव में एक आवारा लालची कुत्ता भूख के मारे खाने की तलाश में इधर-उधर भटक रहा था। वह गांव में बहुत इधर-उधर घुमा लेकिन खाने के लिए उसके हाथ कुछ भी नहीं लगा।
फिर घूमते-घूमते वह एक कसाई के दुकान पर आ पंहुचा। वहां पर उसे हड्डी के साथ एक मांस का टुकड़ा पड़ा मिला। वह बहुत खुश हुआ और अपने आप से सोचने लगा (अरे वाह आज तो कितना स्वादिष्ट मांस खाने के लिए मिल गया है और साथ में एक हड्डी भी है, आज तो खाने में बहुत मजा आएगा)।
ऐसा सोचकर उसने उस मांस के टुकड़े को उठाया और खाने का आनंद लेने के लिए एक सुरक्षित और शांत जगह ढूंढ़ने के लिए वहां से भागकर चला गया।
उसे एक पेड़ के निचे मन चाही जगह मिलती है। वहां पर बैठता है और उस हड्डी के मांस के टुकड़े को खाने लगता है। खाते-खाते उसने मांस के टुकड़े को पूरा खा लिया और सिर्फ हड्डी बची हुई थी।
अब उसे थोड़ी प्यास लगती है। पर वह उस हड्डी को छोड़कर नहीं जाना चाहता था तो वह उस हड्डी को ऐसे ही मुँह में पकड़कर नदी के किनारे आ गया।
उस नदी पर इस पार से उस पार तक जाने के लिए एक पुल बना हुआ था। वह कुत्ता उस पुल पर आ गया और वह जैसे ही पानी को पिने के लिए नदी में झुका तभी उसे नदी में उसकी खुदकी परछाई दिखाई दी।
पर उसे लगा पानी में कोई दूसरा कुत्ता अपने मुँह में हड्डी लिए बैठा है। उस पानी में अपनी खुद की परछाई को देखकर उसके मन में लालच आ गया और उसने उस हड्डी को भी पाने के लिए सोचा।
लेकिन उसने जैसे ही उस परछाई से हड्डी छीनने के लिए अपना मुँह खोला तैसे ही उसके मुँह से वह भी हड्डी पानी में गिर गयी। जैसे ही हड्डी पानी में गिरा तो उसके गिरने की वजह से वह परछाई भी नष्ट हो गयी और तब उस कुत्ते को ध्यान आया की दूसरी हड्डी हासिल करने की कोशिश में उसके पास जो हड्डी थी उसे भी खो दिया।
*शिक्षा:-*
जो चीज़े हमारे पास है उसका ख्याल रखना चाहिए और कभी भी लालची नहीं होना चाहिए।