दोस्तो, मेरी नाम रिया है. मेरी आयु 24 साल है. मैं एक छोटे से गांव से हूं.
इस कहानी को सुन कर मजा लें.
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यह भाई की चुदाई कहानी 3 साल पहले की है जब मैं 21 साल की थी; मेरी शादी नहीं हुई थी, मैं कुंवारी थी. अब तो मेरी शादी हो चुकी है और दो साल बीत चुके हैं.
हम लोग परिवार में कुल 4 सदस्य थे. मेरा भाई, मैं और मम्मी-पापा. हम मिडिल क्लास के लोग हैं.
पापा हमेशा बाहर जाते थे पैसे कमाने के लिए. वह दिल्ली में रहते हैं और सिलाई का काम करते हैं.
मैं और मेरा भाई जो कि मेरे से 2 साल छोटा है हम लोग पढ़ने जाते थे.
उस समय मैं कॉलेज के सेकेण्ड इयर में थी और मेरा भाई बाहरवीं में था. मैंने भी कभी चुदाई नहीं करवायी थी और भाई भी चुदाई से अनजान था.
वो काफी शर्मीले मिजाज का हुआ करता था और मेरी हर बात मानता था. मुझे पता था कि उसकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी.
मुझसे उसकी कोई बात छिपी नहीं थी.
जब मैं कॉलेज जाती थी तो एक लड़का मुझे ध्यान से देखा करता था.
मैं भी धीरे धीरे उसको पसंद करने लगी.
फिर वो बहाने से मेरे साथ बात करने लगा और हम दोनों की फ्रेंडशिप हो गयी.
चूंकि भाई मेरे कॉलेज के सामने से ही गुजरता था तो वो भी उस लड़के की निगाहें पढ़ चुका था. यह बात भाई को बिल्कुल अच्छी नहीं लगती थी.
मुझे वो लड़का अच्छा लगने लगा था. हम लोग चोरी छुपे मिलते थे.
भाई को ये बात एक दिन पता लग गई कि हम लोग आपस में मिलते हैं.
उसने मुझे धमकी दी कि वो घर में इस बात के बारे में बोल देगा.
बड़ी मुश्किल से मैंने उसको मनाया. फिर वो मान गया.
फिर कुछ दिन के बाद गर्मी का मौसम शुरू हो गया. फिर जुलाई का महीना आ गया. गर्मी काफी पड़ रही थी. हम लोग अब छत पर सोते थे.
एक रात को बारिश का मौसम हो रहा था. मैंने भाई को छत पर सोने के लिए मना किया.
मगर वो नहीं माना.
वो कहने लगा कि बारिश आयेगी तब नीचे आ जायेगा.
फिर वो ऊपर सोने चला गया.
दोस्तो, मैं आपको बता दूं कि हमारे घर में दो कमरे थे जिनमें बेड डले हुए थे. एक में मम्मी पापा सोते थे और एक में हम दोनों भाई बहन सोते थे.
मैं उस दिन अपने रूम में सो रही थी नीचे.
रात को अचानक बारिश शुरू हो गयी तो मेरी भी आंख खुली. मैं नींद में थी तो फिर मैंने दोबारा से आंखें बंद कर लीं.
मगर मुझे याद है कि मैंने भाई को भागकर नीचे आते हुए देखा था.
वो आकर मेरे पास बेड पर लेट गया. फिर मैं भी सो गयी.
कुछ देर के बाद जब अचानक से मेरी नींद हल्की सी टूटी तो मेरी नजर भाई की ओर गयी.
मैंने पूरी आंखें नहीं खोलीं मगर मैं सोने का नाटक करती रही.
वो बैठा हुआ मुझे ही देख रहा था.
कुछ देर तक वो ऐसे ही मुझे बैठा बैठा देखता रहा.
फिर वो मेरे पास आकर बैठ गया.
मेरी तो धड़कनें तेज हो गईं. मगर उसने कुछ किया नहीं.
फिर वो दोबारा से लेट गया.
मगर इस बार वो मेरे काफी पास लेटा था.
लेटने के बाद उसने मेरे पेट पर अपना हाथ रख दिया.
मैं जाग गयी और मैंने उसे भी जगा दिया.
मगर वो तो पहले से ही जाग रहा था.
मैंने उसको बोला- ये क्या कर रहा है तू भाई?
वो बोला- सॉरी दीदी, नींद में था तो लग गया.
फिर मैंने कहा- ठीक है, सो जा आराम से.
उसके कुछ देर बाद उसने फिर से मेरे पेट पर हाथ रख दिया.
मेरी आंख खुली मगर मैंने सोचा कि नींद में रखा होगा और मैं भी फिर सो गयी.
एक घंटे के बाद मुझे कुछ महसूस हुआ. मुझे लगा जैसे कोई नुकीली चीज मेरे पीछे चुभ रही है. मैंने पाया कि भाई के हाथ मेरे बूब्स पर थे और वो पीछे से अपना लंड मेरी गांड पर चुभा रहा था.
मैं कुछ नहीं बोली और चुपचाप उसकी हरकतें देखने लगी.
धीरे धीरे वो मेरे पूरे बदन पर हाथ से सहलाने लगा. मेरे पेट से होते हुए मेरी चूत तक आ गया. ऊपर से उसने मेरी चूत पर हाथ फिरा दिया.
एकदम से मेरे बदन में सरसरी दौड़ी जिसको मैंने बहुत ही मुश्किल से कंट्रोल किया.
वो मेरे बूब्स दबाने लगा और मैं कुछ नहीं बोल रही थी.
भाई के सहलाने से मेरी चूत गीली होने लगी. मैंने अपनी चूत के बाल भी दो दिन पहले ही साफ किये थे.
मैं भी अब धीरे धीरे गर्म होने लगी थी. मगर मैं सोने का नाटक करती रही. मैं उसके हाथों का मजा ले रही थी.
उसने धीरे से फिर मेरी कैपरी नीचे कर दी. मैंने भी बिना उसको जाहिर हुए अपनी गांड थोड़ी सी उठा दी थी ताकि कैपरी आसानी से निकल जाये.
मैं सोने का नाटक पहले की तरह ही करती रही.
मेरी कैपरी को नीचे करने के बाद उसने मेरी पैंटी भी नीचे कर डाली और मेरी चूत को चाटने लगा.
उसकी गर्म जीभ मुझे मेरी चूत पर महसूस हो रही थी.
मैं खुद को अब कंट्रोल कर नहीं पा रही थी.
फिर उसने मेरी चूत के अंदर ही जीभ दे दी और मेरी आह्ह निकल गयी.
मैं उठ गयी और चौंक कर बोली- ये क्या कर रहे थे तुम?
वो बोला- सॉरी दीदी, आप बहुत हॉट हो. मुझसे रहा नहीं गया.
मैं नाटक करते हुए बोली- मैं ये सब मम्मी को बता दूंगी.
वो डर गया और अपनी साइड जाकर लेट गया.
उसका लंड उसकी कैपरी में अभी भी खड़ा थ
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यह भाई की चुदाई कहानी 3 साल पहले की है जब मैं 21 साल की थी; मेरी शादी नहीं हुई थी, मैं कुंवारी थी. अब तो मेरी शादी हो चुकी है और दो साल बीत चुके हैं.
हम लोग परिवार में कुल 4 सदस्य थे. मेरा भाई, मैं और मम्मी-पापा. हम मिडिल क्लास के लोग हैं.
पापा हमेशा बाहर जाते थे पैसे कमाने के लिए. वह दिल्ली में रहते हैं और सिलाई का काम करते हैं.
मैं और मेरा भाई जो कि मेरे से 2 साल छोटा है हम लोग पढ़ने जाते थे.
उस समय मैं कॉलेज के सेकेण्ड इयर में थी और मेरा भाई बाहरवीं में था. मैंने भी कभी चुदाई नहीं करवायी थी और भाई भी चुदाई से अनजान था.
वो काफी शर्मीले मिजाज का हुआ करता था और मेरी हर बात मानता था. मुझे पता था कि उसकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी.
मुझसे उसकी कोई बात छिपी नहीं थी.
जब मैं कॉलेज जाती थी तो एक लड़का मुझे ध्यान से देखा करता था.
मैं भी धीरे धीरे उसको पसंद करने लगी.
फिर वो बहाने से मेरे साथ बात करने लगा और हम दोनों की फ्रेंडशिप हो गयी.
चूंकि भाई मेरे कॉलेज के सामने से ही गुजरता था तो वो भी उस लड़के की निगाहें पढ़ चुका था. यह बात भाई को बिल्कुल अच्छी नहीं लगती थी.
मुझे वो लड़का अच्छा लगने लगा था. हम लोग चोरी छुपे मिलते थे.
भाई को ये बात एक दिन पता लग गई कि हम लोग आपस में मिलते हैं.
उसने मुझे धमकी दी कि वो घर में इस बात के बारे में बोल देगा.
बड़ी मुश्किल से मैंने उसको मनाया. फिर वो मान गया.
फिर कुछ दिन के बाद गर्मी का मौसम शुरू हो गया. फिर जुलाई का महीना आ गया. गर्मी काफी पड़ रही थी. हम लोग अब छत पर सोते थे.
एक रात को बारिश का मौसम हो रहा था. मैंने भाई को छत पर सोने के लिए मना किया.
मगर वो नहीं माना.
वो कहने लगा कि बारिश आयेगी तब नीचे आ जायेगा.
फिर वो ऊपर सोने चला गया.
दोस्तो, मैं आपको बता दूं कि हमारे घर में दो कमरे थे जिनमें बेड डले हुए थे. एक में मम्मी पापा सोते थे और एक में हम दोनों भाई बहन सोते थे.
मैं उस दिन अपने रूम में सो रही थी नीचे.
रात को अचानक बारिश शुरू हो गयी तो मेरी भी आंख खुली. मैं नींद में थी तो फिर मैंने दोबारा से आंखें बंद कर लीं.
मगर मुझे याद है कि मैंने भाई को भागकर नीचे आते हुए देखा था.
वो आकर मेरे पास बेड पर लेट गया. फिर मैं भी सो गयी.
कुछ देर के बाद जब अचानक से मेरी नींद हल्की सी टूटी तो मेरी नजर भाई की ओर गयी.
मैंने पूरी आंखें नहीं खोलीं मगर मैं सोने का नाटक करती रही.
वो बैठा हुआ मुझे ही देख रहा था.
कुछ देर तक वो ऐसे ही मुझे बैठा बैठा देखता रहा.
फिर वो मेरे पास आकर बैठ गया.
मेरी तो धड़कनें तेज हो गईं. मगर उसने कुछ किया नहीं.
फिर वो दोबारा से लेट गया.
मगर इस बार वो मेरे काफी पास लेटा था.
लेटने के बाद उसने मेरे पेट पर अपना हाथ रख दिया.
मैं जाग गयी और मैंने उसे भी जगा दिया.
मगर वो तो पहले से ही जाग रहा था.
मैंने उसको बोला- ये क्या कर रहा है तू भाई?
वो बोला- सॉरी दीदी, नींद में था तो लग गया.
फिर मैंने कहा- ठीक है, सो जा आराम से.
उसके कुछ देर बाद उसने फिर से मेरे पेट पर हाथ रख दिया.
मेरी आंख खुली मगर मैंने सोचा कि नींद में रखा होगा और मैं भी फिर सो गयी.
एक घंटे के बाद मुझे कुछ महसूस हुआ. मुझे लगा जैसे कोई नुकीली चीज मेरे पीछे चुभ रही है. मैंने पाया कि भाई के हाथ मेरे बूब्स पर थे और वो पीछे से अपना लंड मेरी गांड पर चुभा रहा था.
मैं कुछ नहीं बोली और चुपचाप उसकी हरकतें देखने लगी.
धीरे धीरे वो मेरे पूरे बदन पर हाथ से सहलाने लगा. मेरे पेट से होते हुए मेरी चूत तक आ गया. ऊपर से उसने मेरी चूत पर हाथ फिरा दिया.
एकदम से मेरे बदन में सरसरी दौड़ी जिसको मैंने बहुत ही मुश्किल से कंट्रोल किया.
वो मेरे बूब्स दबाने लगा और मैं कुछ नहीं बोल रही थी.
भाई के सहलाने से मेरी चूत गीली होने लगी. मैंने अपनी चूत के बाल भी दो दिन पहले ही साफ किये थे.
मैं भी अब धीरे धीरे गर्म होने लगी थी. मगर मैं सोने का नाटक करती रही. मैं उसके हाथों का मजा ले रही थी.
उसने धीरे से फिर मेरी कैपरी नीचे कर दी. मैंने भी बिना उसको जाहिर हुए अपनी गांड थोड़ी सी उठा दी थी ताकि कैपरी आसानी से निकल जाये.
मैं सोने का नाटक पहले की तरह ही करती रही.
मेरी कैपरी को नीचे करने के बाद उसने मेरी पैंटी भी नीचे कर डाली और मेरी चूत को चाटने लगा.
उसकी गर्म जीभ मुझे मेरी चूत पर महसूस हो रही थी.
मैं खुद को अब कंट्रोल कर नहीं पा रही थी.
फिर उसने मेरी चूत के अंदर ही जीभ दे दी और मेरी आह्ह निकल गयी.
मैं उठ गयी और चौंक कर बोली- ये क्या कर रहे थे तुम?
वो बोला- सॉरी दीदी, आप बहुत हॉट हो. मुझसे रहा नहीं गया.
मैं नाटक करते हुए बोली- मैं ये सब मम्मी को बता दूंगी.
वो डर गया और अपनी साइड जाकर लेट गया.
उसका लंड उसकी कैपरी में अभी भी खड़ा थ