रतन टाटा नहीं रहे।देश ने आज अपना एक कोहिनूर खो दिया है।
रतन टाटा भारत के एक सफल उद्योगपति रहे है।आज के दौर में जहां आम आदमी की नज़र में उद्योगपतियों की छवि केवल और केवल लाभ की तरफ़ झुके हुए विशुद्ध पूँजीपति के रूप में है, वहीं रतन टाटा के लिए आम भारतीय के मन में गहरा सम्मान है ।
देश को नई औद्योगिक ऊँचाइयाँ देने वाले रतन टाटा ने अपने सामुदायिक दायित्व को न केवल समझा बल्कि उसे बखूबी निभाया ।रतन टाटा सफल उद्योगपति के साथ साथ एक बेहतर इंसान और बड़े दानवीर के रूप में याद किए जाएँगे।
रतन टाटा द्वारा कहा गया एक कथन जो ख़ुद रतन टाटा को परिभाषित करता है -
“अगर आप तेज चलना चाहते हैं तो अकेले चलें और अगर आप दूर तक जाना चाहते हैं तो सबको साथ लेकर चलें ।”
भारत के ‘रतन’ को सादर श्रद्धांजलि 🙏
रतन टाटा भारत के एक सफल उद्योगपति रहे है।आज के दौर में जहां आम आदमी की नज़र में उद्योगपतियों की छवि केवल और केवल लाभ की तरफ़ झुके हुए विशुद्ध पूँजीपति के रूप में है, वहीं रतन टाटा के लिए आम भारतीय के मन में गहरा सम्मान है ।
देश को नई औद्योगिक ऊँचाइयाँ देने वाले रतन टाटा ने अपने सामुदायिक दायित्व को न केवल समझा बल्कि उसे बखूबी निभाया ।रतन टाटा सफल उद्योगपति के साथ साथ एक बेहतर इंसान और बड़े दानवीर के रूप में याद किए जाएँगे।
रतन टाटा द्वारा कहा गया एक कथन जो ख़ुद रतन टाटा को परिभाषित करता है -
“अगर आप तेज चलना चाहते हैं तो अकेले चलें और अगर आप दूर तक जाना चाहते हैं तो सबको साथ लेकर चलें ।”
भारत के ‘रतन’ को सादर श्रद्धांजलि 🙏