प्रशासक समिति®✊🚩(Reg. E&SWS) 🚩
जय सत्य सनातन 🚩
🚩 आज की हिंदी तिथि🌥️ 🚩
युगाब्द-५१२६
🌥️ 🚩 विक्रम संवत-२०८१
⛅ 🚩 तिथि - एकादशी रात्रि 08:04 तक तत्पश्चात द्वादशीhttps://twitter.com/PS_ESWSPic/status/1780996157893992779?t=Fp6YktIOGyGxkAhH2_Xl1w&s=19⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ अयन - उत्तरायण
⛅ ऋतु - वसंत
⛅ मास - चैत्र
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - मघा सुबह 10:57 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
⛅ योग- वृद्धि रात्रि 01:45 अप्रैल 20 तक तत्पश्चात ध्रुव
⛅ राहु काल - सुबह 11:38 से दोपहर 12:38 तक
⛅ सूर्योदय - 06:18
⛅ सूर्यास्त - 06:57
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:47 से 05:33 तक
⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:12 से दोपहर 01:03 तक
⛅ निशिता मुहूर्त- रात्रि 00:15 अप्रैल 20 से रात्रि 01:00 अप्रैल 20 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण- कामदा एकादशी
⛅ विशेष - एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है। द्वादशी को पूतिका (पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
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कामदा एकादशी - 19 अप्रैल 2024🌹
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एकादशी व्रत के लाभ🔸👉
एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं हैं।👉
जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता हैं।👉
जो पुण्य गौ-दान, सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता हैं।👉
एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं। इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती हैं।👉
धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती हैं।👉
कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता हैं।👉
परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती हैं। पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ। भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है। एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता हैं।
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एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?🔹
🌹1.
एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें । नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें। वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें। 🌹
2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें। 🌹
हर एकादशी को श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती हैं।राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।
सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने।।
एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णुसहस्रनाम के जप के समान पु
ण्य प्राप्त होता हैं।
🌹3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए।
🌹4. चो
र, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें।
🌹5. एकादशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए। इस दिन फला
हार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक हैं।
🌹6. व्रत के (दशमी, एकादशी और द्वादशी) - इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्
यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) - इनका सेवन न करें।
🌹7. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए।आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए। 🌹8. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी,
हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए।
🌹9. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए।
🌹10.
एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें। इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता हैं।
🌹11. इस दिन बाल नहीं कटायें।
🌹12. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें।
🌹13. एकादशी की रात मे
ं भगवान विष्णु के आगे जागरण करना
चाहिए (जागरण रात्र 1 बजे तक)।
🌹14. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट
नहीं होता हैं।
जय श्री राम
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