प्रशासक समिति®✊🚩(Reg. E&SWS)
🚩 जय सत्य सनातन 🚩
🚩 आज का पञ्चाङ्ग 🚩🌥️ 🚩युगाब्द-५१२६
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८१
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तिथि - द्वादशी प्रातः 08:21 तक, तत्पश्चात त्रयोदशी👇 समिति से जुड़कर हिंदुत्व जागरण में हमारा सहयोग करने हेतु लिंक पर क्लिक करें, जानकारी भर फॉर्म सबमिट करें
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दिनांक - 11 जनवरी 2025⛅ दिन - शनिवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - पौष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - रोहिणी दोपहर 12:29 तक तत्पश्चात मृगशिरा
⛅ योग - शुक्ल सुबह 11:49 तक, तत्पश्चात ब्रह्म
⛅ राहु काल - सुबह 10:05 से सुबह 11:26 तक
⛅ सूर्योदय - 07:26
⛅ सूर्यास्त - 06:08
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:37 से 06:30 तक
⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:26 से दोपहर 01:09 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:21 जनवरी 12 से रात्रि 01:14 जनवरी 12 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - शनि त्रयोदशी, रोहिणी व्रत, प्रदोष व्रत, सर्वार्थसिद्धि योग, अमृतसिद्धि योग (प्रातः 07:23 से दोपहर 12:29 तक)
⛅ विशेष - त्रयोदशी को बैंगन को खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
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शिशिर ऋतु विशेष🔹
👉 1. इस ऋतु में शरीर को बलवान बनाने के लिए तेल की मालिश करनी चाहिए।
👉 2. चने के आटे, आँवले के उबटन का प्रयोग लाभकारी है। कसरत करना अर्थात् दंड-बैठक लगाना, कुश्ती करना, दौड़ना, तैरना आदि एवं प्राणायाम और योगासनों का अभ्यास करना चाहिए।
👉 3. सूर्य नमस्कार, सूर्यस्नान एवं धूप का सेवन इस ऋतु में लाभदायक हैं।
👉 4. सामान्य गर्म पानी से स्नान करें किन्तु सिर पर गर्म पानी न डालें।
👉 5. कितनी भी ठंडी क्यों न हो सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लेना चाहिए। रात्रि में सोने से हमारे शरीर में जो अत्यधिक गर्मी उत्पन्न होती है वह स्नान करने से बाहर निकल जाती है जिससे शरीर में स्फूर्ति का संचार होता हैं।
👉 6. सुबह देर तक सोने से यही हानि होती है कि शरीर की बढ़ी हुई गर्मी सिर, आँखों, पेट, पित्ताशय, मूत्राशय, मलाशय, शुक्राशय आदि अंगों पर अपना खराब असर करती है जिससे अलग-अलग प्रकार के रोग उत्पन्न होते हैं। इस प्रकार सुबह जल्दी उठकर स्नान करने से इन अवयवों को रोगों से बचाकर स्वस्थ रखा जा सकता हैं।
👉 7. गर्म-ऊनी वस्त्र पर्याप्त मात्रा में पहनना,अत्यधिक ठंड से बचने हेतु रात्रि को गर्म कंबल ओढ़ना, रजाई आदि का उपयोग करना, गर्म कमरे में सोना लाभदायक हैं।
🔷 अपथ्य : इस ऋतु में अत्यधिक ठंड सहना, ठंडा पानी, ठंडी हवा, भूख सहना, उपवास करना, रूक्ष, कड़वे, कसैले, ठंडे एवं बासी पदार्थों का सेवन, दिवस की निद्रा, चित्त को काम, क्रोध, ईर्ष्या, द्वेष से व्याकुल रखना हानिकारक हैं।
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🚩 हिन्दू राष्ट्र भारत 🚩