Title : जिन्न की गर्लफ्रेंड
Author : Mr DEVENDRA PRASAD
Publisher : ......
Year : 02 अगस्त 2021
Language : Hindi
Extention : PDF
Page : 307
Quality : SHQ
Price : 20 Rs.
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Product Description : कब्रिस्तान के ठीक बीचो-बीच आयशा का शरीर हवा से 10 फीट ऊपर झूल रहा था। उसकी किताबें और उसका दुपट्टा पास ही के कब्र पर पड़ा हुआ था। उस कब्र पर उर्दू में किसी का नाम लिखा था जो कि धूप के थपेड़ों और मौसम की मार की वजह से लगभग धूमिल हो चली थी, जिसकी वजह से उसे स्पष्ट देख पाना आएशा के लिए काफी मुश्किल हो रहा था। उसने आँखों से जोर डालने की कोशिश की को बस उस नाम के नीचे सन 1893 लिखा हुआ ही दिखाई पड़ा।
आयशा के कपड़े अस्त-व्यस्त थे, उसके बाल बिखरे हुए थे। उसकी आंखें बंद थी। कब्रिस्तान का माहौल बहुत ही मनहूस नजर आ रहा था। आसमान में पूर्णिमा का चांद नजर आ रहा था। उस पूरे कब्रिस्तान में चांद की दूधिया रोशनी के अलावा कोई भी रोशनी नहीं थी। कब्रिस्तान के बगल से गुजरती हुई कच्ची सड़क बिल्कुल गुमनाम और सुनसान पड़ी हुई थी। घनघोर अंधेरा छाया हुआ था। 𝑅𝑒𝑎𝑑 𝑀𝑜𝑟𝑒
Ꭻᴏɪɴ ➛ @Sahitya_Junction_Official
Author : Mr DEVENDRA PRASAD
Publisher : ......
Year : 02 अगस्त 2021
Language : Hindi
Extention : PDF
Page : 307
Quality : SHQ
Price : 20 Rs.
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Product Description : कब्रिस्तान के ठीक बीचो-बीच आयशा का शरीर हवा से 10 फीट ऊपर झूल रहा था। उसकी किताबें और उसका दुपट्टा पास ही के कब्र पर पड़ा हुआ था। उस कब्र पर उर्दू में किसी का नाम लिखा था जो कि धूप के थपेड़ों और मौसम की मार की वजह से लगभग धूमिल हो चली थी, जिसकी वजह से उसे स्पष्ट देख पाना आएशा के लिए काफी मुश्किल हो रहा था। उसने आँखों से जोर डालने की कोशिश की को बस उस नाम के नीचे सन 1893 लिखा हुआ ही दिखाई पड़ा।
आयशा के कपड़े अस्त-व्यस्त थे, उसके बाल बिखरे हुए थे। उसकी आंखें बंद थी। कब्रिस्तान का माहौल बहुत ही मनहूस नजर आ रहा था। आसमान में पूर्णिमा का चांद नजर आ रहा था। उस पूरे कब्रिस्तान में चांद की दूधिया रोशनी के अलावा कोई भी रोशनी नहीं थी। कब्रिस्तान के बगल से गुजरती हुई कच्ची सड़क बिल्कुल गुमनाम और सुनसान पड़ी हुई थी। घनघोर अंधेरा छाया हुआ था। 𝑅𝑒𝑎𝑑 𝑀𝑜𝑟𝑒
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