सब कुछ तेरी आँखों का सबब ही तो है
जो आज भी मैं गुमनाम सा हूँ।
तेरी मोहब्बत क्या मिली सुन ले
अपनी ही नजर में बदनाम सा हूँ।
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जो आज भी मैं गुमनाम सा हूँ।
तेरी मोहब्बत क्या मिली सुन ले
अपनी ही नजर में बदनाम सा हूँ।
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