बस इतनी सी है ख़्वाहिश मेरी,
वो इक शायर की मोहब्बत हो जाये,
मैं रोज़ सुनाऊँ इक शे'र उसे,
वो मेरी मीठी गज़ल हो जाये,
मैं रोज़ सिरहाने बैठ उसके,
दो लफ्ज़ लिखूँ मोहब्बत के,
मेरे जज़्बातों के पन्नों पर,
वो स्याही सी बह जाये,
मैं जब भी थामूँ हाथ उसका,
वो मेरे लिए रूह-ए-सुकूँ हो जाये..!
#GoodMorning❤️
#HappySunday☺️
वो इक शायर की मोहब्बत हो जाये,
मैं रोज़ सुनाऊँ इक शे'र उसे,
वो मेरी मीठी गज़ल हो जाये,
मैं रोज़ सिरहाने बैठ उसके,
दो लफ्ज़ लिखूँ मोहब्बत के,
मेरे जज़्बातों के पन्नों पर,
वो स्याही सी बह जाये,
मैं जब भी थामूँ हाथ उसका,
वो मेरे लिए रूह-ए-सुकूँ हो जाये..!
#GoodMorning❤️
#HappySunday☺️