■ गोकुल भाई भट्ट (1898-1986 ई.)
● इनका जन्म 19 फरवरी, 1898 ई. को सिरोही के हाथल गाँव में हुआ था। इनका पूरा नाम गोकुलभाई दौलतराम भट्ट था ।
● उपनाम - राजस्थान का गाँधी ।
● इनके पिता बम्बई में नौकरी करते थे। इसलिए इनकी प्रारम्भिक शिक्षा बम्बई में हुई। गोकुल भाई ने आई. आर. सी. की परीक्षा पास की व कृषि विज्ञान के अध्ययन के लिए अमेरिका जाने वाले थे, गाँधीजी के सम्पर्क में आने के बाद विदेश जाने के बजाय देश सेवा में जुट गए और असहयोग आन्दोलन में भाग लिया।
● इन्होंने आचार्य विनोबा भावे के साथ 'भूदान आन्दोलन' में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
● 1939 में इन्होंने सिरोही प्रजामंडल की स्थापना की।
● 1947 में सिरोही रियासत की लोकप्रिय सरकार में प्रधानमंत्री बने।
● प्रथम आम चुनाव (1952) में पाली-जालौर-सिरोही लोकसभा क्षेत्र से चुनाव हार गये थे।
● 1971 में इन्हें पद्मभूषण पुरस्कार मिला।
● 1971 व 1981 में मद्यनिषेध के लिए आमरण अनशन किया ।
● आबू देलवाड़ा को राजस्थान में मिलाने में सबसे महत्त्वपूर्ण योगदान गोकुल भाई भट्ट का था ।
● 6 अक्टूबर, 1986 में जयपुर में इनका निधन हो गया।
👉 अधिक जानकारी के लिए पढ़िए @one_line_gk
● इनका जन्म 19 फरवरी, 1898 ई. को सिरोही के हाथल गाँव में हुआ था। इनका पूरा नाम गोकुलभाई दौलतराम भट्ट था ।
● उपनाम - राजस्थान का गाँधी ।
● इनके पिता बम्बई में नौकरी करते थे। इसलिए इनकी प्रारम्भिक शिक्षा बम्बई में हुई। गोकुल भाई ने आई. आर. सी. की परीक्षा पास की व कृषि विज्ञान के अध्ययन के लिए अमेरिका जाने वाले थे, गाँधीजी के सम्पर्क में आने के बाद विदेश जाने के बजाय देश सेवा में जुट गए और असहयोग आन्दोलन में भाग लिया।
● इन्होंने आचार्य विनोबा भावे के साथ 'भूदान आन्दोलन' में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
● 1939 में इन्होंने सिरोही प्रजामंडल की स्थापना की।
● 1947 में सिरोही रियासत की लोकप्रिय सरकार में प्रधानमंत्री बने।
● प्रथम आम चुनाव (1952) में पाली-जालौर-सिरोही लोकसभा क्षेत्र से चुनाव हार गये थे।
● 1971 में इन्हें पद्मभूषण पुरस्कार मिला।
● 1971 व 1981 में मद्यनिषेध के लिए आमरण अनशन किया ।
● आबू देलवाड़ा को राजस्थान में मिलाने में सबसे महत्त्वपूर्ण योगदान गोकुल भाई भट्ट का था ।
● 6 अक्टूबर, 1986 में जयपुर में इनका निधन हो गया।
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