मैं नज़र से पी रहा हूँ ये समाँ बदल न जाए
न झुकाओ तुम निगाहें कहीं रात ढल न जाए
किसी सूरत भी नींद आती नहीं मैं कैसे सो जाऊँ
कोई शय दिल को बहलाती नहीं मैं कैसे सो जाऊँ
सितारे ये ख़बर लाए की अब वो भी परीशाँ हैं
सुना है उन को नींद आती नहीं मैं कैसे सो जाऊँ
ऐ काश हमारी क़िस्मत में ऐसी भी कोई शाम आ जाए
इक चाँद फलक पर निकला हो इक चाँद सर-ए-शाम आ जाए
पीने का सलीका कुछ भी नहीं इस पर है ये ख़्वाहिश रिंदों की
जिस जाम पे हक़ है साकी का हाथों में वही जाम आ जाए@shayari_loverr