1 पर्यावरण अध्ययन में हम प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, भूकंप, भूस्खलन चक्रवात आंधी के कारण एवं परिणाम को समझने एवं प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के उपाय का अध्ययन करते हैं।
2 इसमें हम वनस्पति एवं जंतु के प्रकारों एवं उनकी सुरक्षा के बारे में अध्ययन करते हैं।
3 प्राकृतिक संपदा एवं उनकी समस्याओं का संरक्षण एवं सुरक्षा इसमें जल, मृदा, वन, खनिज, बिजली एवं परिवहन शामिल है।
4 पर्यावरण के अध्ययन क्षेत्र में ना सिर्फ पृथ्वी वरन अंतरिक्ष भी सम्मिलित है
5 मानव पर्यावरण संबंध पर्यावरण मुद्दों से संबंधित नीति एवं कानून का अध्ययन करते हैं ।
6 मौसम संबंधी अनेक कारण जैसे कि तापमान,, पवन, दाब, वर्षा, ओलावृष्टि, हिमपात ,पाला पड़ना भी पर्यावरण के जैविक घटकों को प्रभावित करते हैं जलवायु परिवर्तन के कारण आज अनेकों समस्याएं हमारे सामने प्रगट हो रही हैं, जिन्हें समझने तथा उनके निवारण हेतु मौसम विज्ञान के बारे में हम पर्यावरण अध्ययन में पढ़ते हैं ।
7 पर्यावरण का क्षेत्र काफी व्यापक होता है पर्यावरण अध्ययन को 3:00 व्यापक नियमों के अनुसार संचालित किया जाता है।
पर्यावरण के बारे में सीखना।
पर्यावरण के लिए सीखना।
पर्यावरण के माध्यम से सीखना।
8 पर्यावरण अध्ययन का विस्तार पर्यावरण को सीखने के माध्यम की तरह प्रयोग करने से लेकर, इसकी सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए क्या किया जा सकता है इस की विषय वस्तु की व्यवस्था बच्चे के आसपास के परिचित अनुभवों से शुरू होकर बाहरी अपरिचित दुनिया की तरफ चलती है ।
9 पर्यावरण अध्ययन का क्षेत्र सिर्फ बच्चों को अपने पर्यावरण की खोज करके समझा ना ही नहीं बल्कि-
सकारात्मक अभिवृत्तियो , मूल्यों एवं प्रथाओं जैसे कि धरती पर जीवन की रक्षा, प्यार, अपने और दूसरों की देखभाल, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, सामूहिक अधिगम की प्रशंसा, अपनेपन का भाव, सामाजिक दायित्व, संस्कृति के महत्व को समझने का विकास भी करना है।
पर्यावरण की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सकारात्मक तथा अनुकूल क्रियाओं की शुरुआत करना।
संरक्षण की नीतियों को बढ़ावा देना तथा पर्यावरण को बढ़ावा देने वाले स्वभाव एवं आदतों को अपनाना ।
पर्यावरण अध्ययन का महत्व एवं एकीकृत पर्यावरण अध्ययन(Significance of Evs ,Integrated Evs)
पर्यावरण अध्ययन अपने आप में अलग से कोई विषय नहीं है। इसके अंतर्गत विभिन्न विषयों सामाजिक अध्ययन, विज्ञान, पर्यावरण शिक्षा (Science, social science, Environmental education) की अवधारणाओं का उपयोग करते हुए प्राथमिक कक्षाओं में इसकी आधार भूमि तैयार की जाती है।
प्रत्येक विषय के शिक्षण का अपना उद्देश्य है अपना महत्व है एवं इससे विषय के सीखने की प्रक्रिया जुड़ी है।
पर्यावरण अध्ययन का महत्व Significance of Evs
1 संपूर्ण शिक्षा का उद्देश्य बच्चों की मानसिक, भावनात्मक, सृजनात्मक, सामाजिक, शारीरिक आदि क्षमताओं का विकास करना है, यह सिर्फ कक्षाओं में रट्टा मार कर पढ़ने से नहीं होता बल्कि पर्यावरण के साथ जुड़ाव तथा अनुभव से होता है।
2 पर्यावरण अध्ययन के मुख्य केंद्र बिंदुओं में से एक है। बच्चों को वास्तविक संसार जिसमें वह रहते हैं से परिचित कराया जाए पर्यावरण अध्ययन की परिस्थितियां तथा अनुभव उन्हें अपने प्राकृतिक एवं मानव निर्मित प्रति देश की छानबीन करने तथा उससे जुड़ने में सहायता करते हैं।
3 हम अपने अस्तित्व एवं जीवन की निरंतरता के लिए अपने पर्यावरण पर निर्भर हैं। इस संदर्भ में प्रत्येक व्यक्ति का नैतिक कर्तव्य है कि हम अपने पर्यावरण की रक्षा एवं संरक्षण करें ऐसा करने के लिए इस बात की समझ अत्यंत आवश्यक है, कि हमारे पर्यावरण की संरचना क्या है, तथा इसका महत्व क्या है पर्यावरण अध्ययन इसमें सहायक होता है।
4 पर्यावरण अध्ययन बच्चों को पर्यावरण में होने वाली अनेक घटनाओं एवं क्रियाकलापों के बारे में अपनी समाज का विकास करने में सहायता करता है इसके द्वारा इन्हें सीखने के लिए प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान किए जाते हैं।
5 पर्यावरण अध्ययन बच्चों को यह समझ प्रदान करता है कि हम किस प्रकार से अपने भौतिक, जैविक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक पर्यावरण के साथ पारस्परिक क्रियाकलाप करते हैं तथा उसके द्वारा प्रभावित होते हैं।
6 पर्यावरण अध्ययन का मुख्य लक्ष्य की बच्चों को इस योग्य बनाना ताकि वह पर्यावरण से संबंधित सभी मुद्दों को जानने समझने और संबंधित समस्याओं को हल करने में सक्षम हो सके।
7 यह बच्चों को कक्षा में सकारात्मक माहौल प्रदान करता है तथा सीखने के लिए प्रेरित करता है।
8 पर्यावरण अध्ययन शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को सरल और सुविधाजनक बनाने में सहायक है क्योंकि यह करके सीखने पर बल देता है।
2 इसमें हम वनस्पति एवं जंतु के प्रकारों एवं उनकी सुरक्षा के बारे में अध्ययन करते हैं।
3 प्राकृतिक संपदा एवं उनकी समस्याओं का संरक्षण एवं सुरक्षा इसमें जल, मृदा, वन, खनिज, बिजली एवं परिवहन शामिल है।
4 पर्यावरण के अध्ययन क्षेत्र में ना सिर्फ पृथ्वी वरन अंतरिक्ष भी सम्मिलित है
5 मानव पर्यावरण संबंध पर्यावरण मुद्दों से संबंधित नीति एवं कानून का अध्ययन करते हैं ।
6 मौसम संबंधी अनेक कारण जैसे कि तापमान,, पवन, दाब, वर्षा, ओलावृष्टि, हिमपात ,पाला पड़ना भी पर्यावरण के जैविक घटकों को प्रभावित करते हैं जलवायु परिवर्तन के कारण आज अनेकों समस्याएं हमारे सामने प्रगट हो रही हैं, जिन्हें समझने तथा उनके निवारण हेतु मौसम विज्ञान के बारे में हम पर्यावरण अध्ययन में पढ़ते हैं ।
7 पर्यावरण का क्षेत्र काफी व्यापक होता है पर्यावरण अध्ययन को 3:00 व्यापक नियमों के अनुसार संचालित किया जाता है।
पर्यावरण के बारे में सीखना।
पर्यावरण के लिए सीखना।
पर्यावरण के माध्यम से सीखना।
8 पर्यावरण अध्ययन का विस्तार पर्यावरण को सीखने के माध्यम की तरह प्रयोग करने से लेकर, इसकी सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए क्या किया जा सकता है इस की विषय वस्तु की व्यवस्था बच्चे के आसपास के परिचित अनुभवों से शुरू होकर बाहरी अपरिचित दुनिया की तरफ चलती है ।
9 पर्यावरण अध्ययन का क्षेत्र सिर्फ बच्चों को अपने पर्यावरण की खोज करके समझा ना ही नहीं बल्कि-
सकारात्मक अभिवृत्तियो , मूल्यों एवं प्रथाओं जैसे कि धरती पर जीवन की रक्षा, प्यार, अपने और दूसरों की देखभाल, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, सामूहिक अधिगम की प्रशंसा, अपनेपन का भाव, सामाजिक दायित्व, संस्कृति के महत्व को समझने का विकास भी करना है।
पर्यावरण की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सकारात्मक तथा अनुकूल क्रियाओं की शुरुआत करना।
संरक्षण की नीतियों को बढ़ावा देना तथा पर्यावरण को बढ़ावा देने वाले स्वभाव एवं आदतों को अपनाना ।
पर्यावरण अध्ययन का महत्व एवं एकीकृत पर्यावरण अध्ययन(Significance of Evs ,Integrated Evs)
पर्यावरण अध्ययन अपने आप में अलग से कोई विषय नहीं है। इसके अंतर्गत विभिन्न विषयों सामाजिक अध्ययन, विज्ञान, पर्यावरण शिक्षा (Science, social science, Environmental education) की अवधारणाओं का उपयोग करते हुए प्राथमिक कक्षाओं में इसकी आधार भूमि तैयार की जाती है।
प्रत्येक विषय के शिक्षण का अपना उद्देश्य है अपना महत्व है एवं इससे विषय के सीखने की प्रक्रिया जुड़ी है।
पर्यावरण अध्ययन का महत्व Significance of Evs
1 संपूर्ण शिक्षा का उद्देश्य बच्चों की मानसिक, भावनात्मक, सृजनात्मक, सामाजिक, शारीरिक आदि क्षमताओं का विकास करना है, यह सिर्फ कक्षाओं में रट्टा मार कर पढ़ने से नहीं होता बल्कि पर्यावरण के साथ जुड़ाव तथा अनुभव से होता है।
2 पर्यावरण अध्ययन के मुख्य केंद्र बिंदुओं में से एक है। बच्चों को वास्तविक संसार जिसमें वह रहते हैं से परिचित कराया जाए पर्यावरण अध्ययन की परिस्थितियां तथा अनुभव उन्हें अपने प्राकृतिक एवं मानव निर्मित प्रति देश की छानबीन करने तथा उससे जुड़ने में सहायता करते हैं।
3 हम अपने अस्तित्व एवं जीवन की निरंतरता के लिए अपने पर्यावरण पर निर्भर हैं। इस संदर्भ में प्रत्येक व्यक्ति का नैतिक कर्तव्य है कि हम अपने पर्यावरण की रक्षा एवं संरक्षण करें ऐसा करने के लिए इस बात की समझ अत्यंत आवश्यक है, कि हमारे पर्यावरण की संरचना क्या है, तथा इसका महत्व क्या है पर्यावरण अध्ययन इसमें सहायक होता है।
4 पर्यावरण अध्ययन बच्चों को पर्यावरण में होने वाली अनेक घटनाओं एवं क्रियाकलापों के बारे में अपनी समाज का विकास करने में सहायता करता है इसके द्वारा इन्हें सीखने के लिए प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान किए जाते हैं।
5 पर्यावरण अध्ययन बच्चों को यह समझ प्रदान करता है कि हम किस प्रकार से अपने भौतिक, जैविक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक पर्यावरण के साथ पारस्परिक क्रियाकलाप करते हैं तथा उसके द्वारा प्रभावित होते हैं।
6 पर्यावरण अध्ययन का मुख्य लक्ष्य की बच्चों को इस योग्य बनाना ताकि वह पर्यावरण से संबंधित सभी मुद्दों को जानने समझने और संबंधित समस्याओं को हल करने में सक्षम हो सके।
7 यह बच्चों को कक्षा में सकारात्मक माहौल प्रदान करता है तथा सीखने के लिए प्रेरित करता है।
8 पर्यावरण अध्ययन शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को सरल और सुविधाजनक बनाने में सहायक है क्योंकि यह करके सीखने पर बल देता है।