भारतीय सभ्यता और संस्कृति में माता को इतना पवित्र स्थान दिया गया है कि यह मातृ भाव मनुष्य को पतित होते होते बचा लेता है
जब भी मन में काम आए तब मातृ भाव रखे इससे विकार के जाल से बच जाएंगे
पराई स्त्री को माता के समान और पराए धन को मिट्टी के ढेले के समान जानो ।
@Brahmacharyalife
जब भी मन में काम आए तब मातृ भाव रखे इससे विकार के जाल से बच जाएंगे
पराई स्त्री को माता के समान और पराए धन को मिट्टी के ढेले के समान जानो ।
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